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कुरुक्षेत्र स्वास्थ्य विभाग की बड़ी उपलब्धि क्या है…जानिए

• LAST UPDATED : July 23, 2021

कुरुक्षेत्र/राजीव अरोड़ा

कुरुक्षेत्र स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के कारण कुरुक्षेत्र जिले में एचआईवी संक्रमित गर्भवती माताओं से जन्में सभी 26 बच्चे एचआईवी नेगेटिव मिले है। यह कुरुक्षेत्र  स्वास्थ्य विभाग की उपलब्धि कही जा सकती है। कुरुक्षेत्र में गर्भवती महिलाओं के 47006 एएनसी टेस्ट किए गए हैं। जिनमें से 26 गर्भवती महिलाएं एचआईवी संक्रमित पाईं गई।

संक्रमित पाए जाने के साथ ही गर्भवती महिलाओं का एचआईवी का ईलाज शुरु कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की नजर इन महिलाओं पर रहीं व समय-समय पर इनका चैकअप किया गया व ईलाज शुरु किया गया। इसके बाद बच्चे के जन्म पर बच्चों का चैकअप व ईलाज शुरु कर दिया गया,सभी बच्चे एचआईवी नेगेटिव हैं।

आईसीटीसी काऊंसलर बलविंद्र चौधरी ने बताया कि एचआईवी संक्रमित माता से जन्में बच्चे का 18 माह तक ईलाज किया जाता है। जन्म से डेढ माह तक बच्चे को नेविरेपिन सस्पैंशन दवा दी जाती है। इसके बाद 18 माह तक सीपीटी दवा दी जाती है। बच्चों का पहला टेस्ट डेढ माह के बाद उसके बाद 6 माह, 12 माह व 18 के बाद टेस्ट किया जाता है।

18 माह के बाद हुआ टेस्ट अंतिम होता है और इसमें पता चल जाता है कि बच्चा एचआईवी पॉजिटिव है या नेगेटिव। जानकारी देते हुए बताया कि कुरुक्षेत्र जिले में 2016 के बाद कुल 486 मामले हैं। सभी का ईलाज चलाया जा रहा है। एचआईवी संक्रमितों के लिए हरियाणा सरकार द्वारा योजना शुरु की गई है जिसके तहत जो लोग एचआईवी संक्रमित हैं उनको 2250 रूपए प्रति माह की राशि दी जाती है जिससे वह अच्छा खाना ले सके व अस्पताल जाने का किराया खर्च कर सके।

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