घरौंडा/महेंद्र सिंह
घरौंडा नगरपालिका की लापरवाही का खामियाजा बेजुबान बंदरों को भुगतना पड़ रहा है. छोटे-छोटे पिंजरों में निर्दयता से ठूंसे गए बंदरों का ना तो खाने पीने का ख्याल रखा जा रहा है. और ना ही इन बंदरों को जंगल में छोड़े जाने की कोई व्यवस्था ठेकेदार की तरफ से की गई है।
हालांकि प्रत्येक बंदर को पकडऩे के लिए नगरपालिका ठेकेदार को 1200 रुपए की राशि दी जाती है. वहीं ठेकेदार का तर्क है कि उसे सिर्फ बंदर पकडऩे के पैसे मिले हैं, ना कि बंदरों को खाना खिलाने के, इसके अलावा बंदरों की संख्या अभी बहुत कम है. जब बंदरों की संख्या 50 या 60 के आसपास होगी, तब इनको जींद के जंगलों में छोड़ा जाएगा. ऐसे में सवाल उठता है कि जब तक ठेकेदार के पास बंदरों की पर्याप्त संख्या नहीं होगी, तब तक इन बंदरों को पिंजरों में ही कैद रहना पड़ेगा।
शहर को बंदरों के आंतक से मुक्ति दिलाने के लिए नगरपालिका ने टेंडर दिया है. वन्य जीव विभाग से परमिशन के बाद एक ठेकेदार को बंदर पकडऩे का टेंडर दिया है. ठेकेदार ने मंगलवार से बंदर पकडऩे का अभियान शुरू कर दिया है. अब तक ठेकेदार 21 बंदर पकड़ चुका है. बंदरों को मीट मार्किट के एक बदबूदार कमरे के अंदर पिंजरों में कैद किया गया है. इस कमरे में तीन पिंजरे रखे हुए हैं. जिनका साइज बहुत ही छोटा है।
और लापरवाही की हद तो यह है कि एक-एक पिंजरें में दस-दस बंदरों को बुरी तरह से ठूसा हुआ है. बंदरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था के नाम पर महज खानापूर्ति की गई है. मीट मार्किट के दुकानदारों का कहना है कि कई दिन से कमरे में बंदरों को रखा हुआ है. भूख के मारे बंदर बुरी तरह से चिल्लाते हैं. ठेकेदार ने पिंजरे के आस पास कुछ चने के दाने जरूर डाले हुए हैं लेकिन कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है।
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Panipat BJP : हरियाणा के चुनावी माहौल में इन दिनों सियासी…
हरियाणा के दो करोड़ 80 लाख लोगों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को भाजपा सरकार लगातार…
भाजपा के संकल्प पत्र ने बढ़ाई कांग्रेस की मुश्किलेंं संकल्प पत्र के सामने कांग्रेस की…
India News Haryana (इंडिया न्यूज), Manohar Lal : बड़ी प्रचलित कहावत है कि सब उगते हुए…
आगामी दो दिन तक मौसम रहेगा परिवर्तनशील : डा. राजेश India News Haryana (इंडिया न्यूज),…
कांग्रेस के समय खास वर्ग की सरकार होती थी और खास लोगों को नौकरियां मिलती…