India News Haryana (इंडिया न्यूज), Faridabad News : नायब सरकार -2 के मंत्री अधिकारियों पर शुरू से ही सख्त रवैया अपनाए हुए है। कोई भी मीटिंग हो, कार्यक्रम हो अधिकारियों को काम को गंभीरता से करने और बैठकों में उपस्थित रहने की हर बार सख्त से सख्त हिदायतें दी जा रही हैं। हालल ही में कैबिनेट मिनिस्टर अनिल विज ने फरीदाबाद में कष्ट निवारण समिति की बैठक में अधिकारियों के कामकाजी तरीके पर कड़ा रुख अपनाया। पुलिस कमिश्नर के न होने पर उनका गुस्सा फूटा।
उन्होंने कहा, “अगर सभी विभागों के आला अधिकारी मौजूद हैं तो पुलिस कमिश्नर मंत्री से बड़ा कैसे हो सकता है?” उन्होंने भविष्य में डीसीपी के अनिवार्य रूप से बैठक में होने की बात कही। राव नरवीर ने सख्त शब्दों में चेतावनी दी, “अगली बार अगर ऐसा हुआ, तो अधिकारी खुद को सस्पेंड समझें।” साथ ही मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों से कहा कि ऐसे मामलों को समाधान शिविर में निपटाया जाए।
बैठक में जब बल्लभगढ़ के डीसीपी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया गया, तो राव नरवीर ने तीखे शब्दों में कहा, “आखिर वो क्यों नहीं आए? कोई खुदा थोड़े ही हैं!” बैठक में शामिल सभी अधिकारियों को उन्होंने अपने कड़े सवालों से घेर लिया। इसी बीच मंत्री ने MSme के अधिकारियों से सरकार की योजनाओं के तहत लोन और सब्सिडी के वितरण के बारे में सवाल किए। उन्होंने चुनौती दी कि अगली बैठक में ऐसे 10 लोग शामिल हों, जो कह सकें कि उन्हें बिना रिश्वत दिए लोन और सब्सिडी मिली है।
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