India News Haryana (इंडिया न्यूज), High Court: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना 2003 की नीति के तहत अस्थायी(Temporary) कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने के लिए उनकी जांच न करने के कारण लगाया गया है। कोर्ट ने बताया सरकार ने एकल पीठ के आदेशों का पालन नहीं किया और सीधे अपील दायर कर दी, जो अनुचित था।
इस मामले में, अप्रैल में एकल पीठ ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह याचिकाकर्ताओं के मामलों की जांच करे और उन्हें नियमितीकरण का लाभ देने पर विचार करे। यदि कर्मचारी नियमितीकरण के योग्य नहीं हैं, तो सक्षम प्राधिकारी को विस्तृत कारण बताने के लिए भी कहा गया था। लेकिन सरकार ने इन निर्देशों को नजरअंदाज करते हुए सीधे अपील दायर कर दी।
खंडपीठ ने यह आदेश देते हुए कहा कि एकल पीठ के आदेश में कोई अवैधानिकता नहीं है। सरकार का तर्क था कि अस्थायी कर्मचारियों को आकस्मिक कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था और वे स्वीकृत पदों पर कार्यरत नहीं थे, इसलिए उन्हें नियमित नहीं किया जा सकता। लेकिन न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और न्यायमूर्ति लपिता बनर्जी ने सरकार की इस अपील को खारिज कर दिया।
कोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों के मामलों पर विचार करने के बजाय, सरकार ने अपील दायर करने में जल्दबाजी की, जिससे यह साबित होता है कि वह नियमों का पालन नहीं कर रही है। इसके फलस्वरूप, सरकार पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस फैसले से यह संदेश मिलता है कि सरकारी संस्थाएं कोर्ट के आदेशों का पालन करें और कर्मचारियों के अधिकारों का सम्मान करें।