अंबाला के बने झंडे देश की सीमाओं पर फहराए जाते हैं। करीब 57 साल से यहां पर झंडे बनाये जाते हैं। कारगिल की लड़ाई हो या लाल किला वहां पर यहीं के बने झंडे फहराए गए है। आज भी इन झंडों की काफी डिमांड है।लोग बेहतर क्वालिटी के कारण यहां दूर दूर से झंडे खरीदने पहुंचते हैं।
75 वां स्वतंत्रता दिवस इस रविवार को मनाया जाना है। जिसको लेकर देशभर में खास तैयारियां चल रही हैं। इस दिन जगह जगह तिरंगा फहराया जाता है। देश की सीमाओं पर फहराया जाने वाला तिरंगा अंबाला से बनकर जाता है। पिछले 57 सालों से 2 सिख परिवार इन झंडों को बनाने का काम कर रहे हैं। 26 जनवरी हो या 15 अगस्त यह दुकानदार करीब 1 महीना पहले तैयारियां शुरू कर देते हैं क्योंकि इनके झंडों की डिमांड दूर दूर से आती है। गुरप्रीत सिंह बताते हैं उनके पिता ने यह काम शुरू किया था कारगिल में विजय के दौरान जो 5 झंडे फहराए गए थे वो भी इन्ही के बनाये थे रातों रात इनके पिता ने झंडे तैयार किये थे।
भूपेंद्र सिंह का परिवार भी 50 साल से राष्ट्रीय झंडा बनाने का काम कर रहे हैं। लाल किले पर इनके पिता द्वारा तैयार किया झंडा फहराया जाता रहा है जिसको लेकर सन 2000 में इनके पिता को डीसी अंबाला द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। अंबाला आर्मी इलाका होने के कारण भी झंडों की डिमांड काफी रहती है। लेकिन 15 अगस्त और 26 जनवरी को डिमांड काफी बढ़ जाती है। लेकिन इस बार देश 75 स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है तो देशवासी कुछ खास तैयारियों में जुटे है। यहां झंडों की खरीदारी करने वालो का कहना है यहां बेहतर क्वालिटी के राष्ट्रीय झंडे मिलते हैं वे यहां सालों से झंडे खरीद रहे हैं।