होम / Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM कृषि कानून वापिस लेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उदार चरित्र का प्रमाण : मनोहर लाल

Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM कृषि कानून वापिस लेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उदार चरित्र का प्रमाण : मनोहर लाल

• LAST UPDATED : November 19, 2021

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़

Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गुरुपर्व के शुभ अवसर पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 3 कृषि कानूनों को वापिस लेने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि इन कानूनों को वापिस लेने के निर्णय ने एक बार फिर प्रधानमंत्री के उदार चरित्र को दिखा दिया है और वास्तव में इस निर्णय से प्रधानमंत्री का कद और बड़ा हो गया है।

अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि लगभग सवा साल पहले केंद्र सरकार किसानों विशेषकर छोटे और सीमांत किसानों के लाभ के लिए 3 नए कृषि कानून लेकर आई थी। किसानों ने इन कृषि कानूनों का स्वागत किया था परंतु कुछ किसानों को किसी कारणवश यह कानून लाभदायक नहीं लगे और वे किसान लगभग 11 महीनों से दिल्ली की सरहदों पर बैठे हैं।

आज समाज हित, किसान हित को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करके अपने उदार दिल का प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय यह दर्शाता है कि जब भी जनकल्याण की बात आती है, तो वह जनता के हित को सर्वोपरि रखते हुए इस तरह के निर्णय लेने से पीछे नहीं हटते। उन्होंने संसदीय सत्र में इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है

किसानों से आंदोलन खत्म कर घर लौटने का आग्रह Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM

दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अपना धरना तुरंत खत्म करें और अपने घरों को लौट जाएं। इस आंदोलन से आम आदमी को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अब इस मुद्दे के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाया जाना चाहिए।

एमएसपी संबंधी मांगों पर जल्द निर्णय की उम्मीद Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM

किसानों द्वारा एमएसपी से संबंधित मांगों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि इस संबंध में जल्द ही एक कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें किसानों के प्रतिनिधि, राज्यों सरकारों के प्रतिनिधि और वैज्ञानिक भी शामिल होंगे। मुझे उम्मीद है इस संबंध में भी निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।

आगे नहीं बढ़ने देंगे कोई भी विवाद Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM

किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि जिस मामले में आपसी समझ बनती है तो कई विषयों पर विचार किया जाता है। कुछ मामले सामान्य होते हैं, जबकि कुछ गंभीर धाराओं में भी दर्ज किए जाते हैं। अब अपनी ओर से भी सार्थक पहल की जाएगी और किसी भी प्रकार के विवाद को आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हरियाणा को इस आंदोलन के बड़े प्रभाव का सामना करना पड़ा और इस एक वर्ष के दौरान मैंने प्रधानमंत्री, वरिष्ठ नेताओं और यहां तक कि किसान यूनियन के साथ भी कई बैठकें कीं। प्रारंभ में इस मुद्दे पर किसानों के साथ 11 औपचारिक बैठकें हुई थीं।

इसके बाद कई अनौपचारिक बैठकें भी हुर्इं और केंद्र को इन बैठकों के संदेश भी साझा किए गए। मुझे लगता है कि हमारे द्वारा किए प्रयासों ने भी आज लिए गए इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री की घोषणा पर भरोसा रखें किसान Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM

किसान यूनियनों द्वारा प्रधानमंत्री के प्रति अविश्वास दिखाने के संबंध में प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आज की गई घोषणा पर निश्चित रूप से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ ने इसके लिए उनकी सराहना की है, जबकि अन्य अभी भी संतुष्ट नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि किसानों से आग्रह करूंगा कि वे अब चिंता न करें और प्रधानमंत्री की घोषणा पर भरोसा रखें। मनोहर लाल ने कहा कि विपक्ष ने भी प्रधानमंत्री पर भरोसा दिखाया है लेकिन अगर अभी भी कुछ लोग अफवाहें फैला रहे हैं और इस कल्याणकारी निर्णय पर अविश्वास दिखा रहे हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।

एकदम से नहीं लिया फैसला Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM

प्रधानमंत्री द्वारा इन कानूनों को वापिस लिए जाने की घोषणा के संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में मनोहर लाल ने कहा कि यह फैसला एकदम से नहीं लिया गया है। इस पर काफी समय से बातचीत चल रही थी और काफी समय से चल रहे गतिरोध को देखते हुए किसान हित में यह निर्णय लिया गया है।

इस फैसले को चुनाव से जोड़ना तर्कसंगत और न्यायसंगत नहीं है। चुनाव आते हैं और चले जाते हैं। निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री ने यह फैसला करके बड़ा दिल दिखाया है। उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह आम आदमी के नेता हैं।

हरियाणा में किसानों के लिए अनेक कदम उठाए Withdrawal of Agriculture Law is Proof of the Liberal Character of PM

मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में किसानों के कल्याण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए गए हैं। चाहे हर टेल तक पानी की पहुंच सुनिश्चित करना हो, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद, जल संरक्षण योजनाओं के कार्यान्वयन, फसल खराबे की मुआवजे की राशि में वृद्धि, मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को खोलना इत्यादि। हरियाणा ने निश्चित रूप से अन्य राज्यों के लिए विभिन्न किसान हितैषी निर्णय लेने के लिए उदाहरण स्थापित किया है।

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