डॉ. रविंद्र मलिक, India News, इंडिया न्यूज़, Women Safety, चंडीगढ़ : महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मामलों के चलते हरियाणा देशभर में चर्चा में रहा है। हर विधानसभा सत्र में महिलाओं की सुरक्षा और प्रदेश में कानून व्यवस्था का मुद्दा लगातार उठता रहा है। हर सत्र में मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने रहते हैं। पुलिस विभाग द्वारा लगातार प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा के विराट दावे किए जाते हैं, लेकिन फिलहाल धरातल पर चीजें उतनी ठीक नहीं हैं।
महिला आयोग द्वारा उपलब्ध करवाए गए डाटा से साफ पता चलता है कि महिलाएं न तो घर में महफूज में हैं और न ही घर के बाहर। वर्क प्लेस पर भी उनको काफी परेशानियों से गुजरना पड़ता है। घरेलू हिंसा, दहेज के लिए मारपीट, रेप अटेम्प्ट टू रेप जैसी घटनाएं बेहद आम हो गई हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जिस दिन महिलाओं के साथ गंभीर अपराध की घटनाएं नहीं होती।
जानकारी में सामने आया है कि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा से लेकर शारीरिक व मानसिक शोषण और दहेज प्रताड़ना के मामले बेहद आम हो गए हैं। जनवरी 2022 से लेकर अप्रैल 2023 तक 16 महीने की अवधि में जितने भी मामले आए हैं, उनमें सबसे ज्यादा मामले महिलाओं के साथ शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के हैं। इस तरह के कुल 939 मामले रिपोर्ट हुए हैं। ये कुल मामलों का करीब एक तिहाई है।
इसके बाद सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ अपराध के मामलों में घरेलू हिंसा के केस शामिल हैं। उपरोक्त अवधि में ही 317 मामले आयोग के पास रिपोर्ट हुए हैं। इस लिहाज से हर तीसरे दिन एक मामला रिपोर्ट हो रहा है। इसके अलावा दहेज प्रताड़ना के मामले भी निरंतर रिपोर्ट हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि लोगों को दहेज न लेने और दहेज न लाने के लिए महिलाओं को प्रताड़ित नहीं करने के जागरूक करने के प्रयास धरातल पर पूरी तरह से नहीं उतर पा रहे। दहेज प्रताड़ना के कुल 311 मामले आयोग के पास आए और 23 मामले ऐसे में जिनमें विवाहिता की मौत हो गई।
वहीं ये भी बता दें कि महिलाओं के खिलाफ रेप और यौन शोषण के मामले भी निरंतर रिपोर्ट रहे हैं। हालांकि फिलहाल उन्हीं मामलों का ब्यौरा यहां दिया जा रहा है जो महिला आयोग के पास रिपोर्ट हुए हैं। करीब 16 महीने की अवधि में 123 रेप के मामले सामने आए हैं।
इसके अलावा पुलिस विभाग के पास भी रेप के मामले रिपोर्ट होते हैं। ईव टीजिंग के 35 मामले सामने आए हैं। साथ ही यौन शोषण के कुल 172 मामले सामने आए हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि महिलाएं काम करने वाली जगह (वर्क प्लेस) पर भी खुद को महफूज नहीं कर पाती। उनके द्वारा वर्क प्लेस पर प्रताड़ना की 60 शिकायतें दी गई हैं। इसके अलावा महिलाओं के अपहरण के 44 मामले रिपोर्ट हुए हैं। साथ ही महिलाओं की हत्या या फिर हत्या के प्रयास के कुल 43 मामले रिकॉर्ड हुए हैं।
महिला आयोग से प्राप्त डाटा के अनुसार जनवरी 2022 से लेकर अप्रैल 2023 तक हरियाणा में महिलाओं के साथ किसी भी तरह के क्राइम के कुल 2819 मामले रिपोर्ट हुए हैं और इस लिहाज से हर महीने 170 से ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए। इनमें काफी संख्या में मामलों का समाधान नहीं हो पाया।
इनमें नए मामले और पुराने पेंडिंग मामले दोनों शामिल रहते हैं लेकिन समाधान का अनुपात कमोबेश वही रहता है। वहीं इस साल के 4 महीने के मामलों को हटा दें तो साल 2022 में हरियाणा में कुल 2367 मामले ऑन रिकाॅर्ड आए, इनमें से 1489 मामलों का समाधान हो पाया। इस लिहाज से पिछले साल 63 फीसदी ही मामलों का समाधान हो पाया और 37 फीसदी मामले पेंडिंग हैं।
आयोग के आंकड़ों में ये भी सामने आया है कि महिलाओं के साथ ज्यादती और अपराध में उनकी रक्षा व सुरक्षा के प्रहरी पुलिस वाले भी पीछे नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि ये अभी शुरू हुआ है। इसको लेकर महिला आयोग के अलावा खुद पुलिस थानों में भी पुलिस वालों के खिलाफ महिलाओं साथ गलत करने की कई तरह की शिकायतें आती हैं।
बता दें कि महिलाओं के खिलाफ पुलिस द्वारा किसी भी तरह की ज्यादती या गलत करने की 140 शिकायत आयोग के पास आई हैं। इनमें महिलाओं के साथ प्रताड़ना, छेड़खानी, किसी मामले में जांच में देरी समेत कई तरह के मामले होते हैं। खुद महिला आयोग द्वारा भी इसको लेकर पुलिस के अधिकारियों को सूचित किया जाता है। वहीं पुलिस अधिकारियों की गलत कार्यशैली को लेकर नवनियुक्त डीजीपी शत्रुजीत कपूर आश्वस्त कर चुके हैं है कि जो भी पुलिस वाले गलत कार्यशैली वाले हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
बता दें कि 17 जनवरी 2022 को आयुक्त में नई चेयरपर्सन की नियुक्ति हुई थी। रेणु भाटिया को 3 वर्षों के लिए हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। इससे पहले करीब तीन साल तक वो दिसम्बर, 2017 से दिसम्बर, 2020 तक इसी आयोग की बतौर मेंबर रह चुकी हैं। जनवरी 2022 में ही प्रीती भारद्वाज दलाल को आयोग के वाइस चेयरपर्सन के तौर पर एक वर्ष का एक्सटेंशन सम्बन्धी आदेश भी जारी किया गया था जो कि जनवरी 2023 तक था। तबसे ये पद खाली है। इस लिहाज से आयोग में करीब सात महीने से नए वाइस-चेयरपर्सन की नियुक्ति भी लंबित है।
इसके अलावा आयोग में पांच सदस्यों की नियुक्ति होती है ताकि काम में सहूलियत रहे। महिला आयोग की चेयरपर्सन आधा कार्यकाल बीत जाने के बाद भी आयोग में एक भी सदस्य की नियुक्ति नहीं हुई जो चिंताजनक है। बता दें कि 18 जुलाई, 2017 को जब प्रतिभा सुमन को हरियाणा महिला आयोग का तत्कालीन चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था, तो उसके कुछ माह बाद ही 12 दिसम्बर, 2017 को गुरुग्राम से प्रीति भारद्वाज को आयोग का वाईस-चेयरपर्सन, चरखी दादरी से इंदु यादव, अम्बाला शहर से अधिवक्ता नम्रता गौड़, फरीदाबाद से रेणु भाटिया, सोनीपत से सोनिया अग्रवाल और जींद से सुमन बेदी को आयोग में सदस्य नोमिनेट किया गया था।
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