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Workshop On Nutrition And Cooperative Federalism मातृ-शिशु स्वास्थ्य के बारे में चलाया जाएगा विशेष अभियान : जयराम ठाकुर

• LAST UPDATED : December 7, 2021
मातृ-शिशु स्वास्थ्य के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदेश में चलाया जाएगा विशेष अभियान- जयराम ठाकुर
कहा- रेल सम्पर्क बढ़ाने में भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती
हिमाचल प्रदेश को सबसे पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए सरकर कृतसंकल्प
मुख्यमंत्री ने त्वरित बाह्य सहायता के लिए केन्द्र सरकार व नीति आयोग का आभार जताया
लोकिन्दर बेक्टा, शिमला। 
Workshop On Nutrition And Cooperative Federalism मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य एक स्वस्थ समाज और समृद्ध हिमाचल के लिए महत्वपूर्ण है और इस बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए प्रदेश में एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पोषण को एक जन आंदोलन बनाने के लिए जमीनी स्तर पर और अधिक जागरूकता लाने की आवश्यकता है। वे मंगलवार को यहां राज्य सरकार और नीति आयोग द्वारा पोषण और सहकारी संघवाद विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पोषण जागरूकता के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है और अब 18,925 आंगनबाड़ी और 5,99,643 लाभार्थियों को पोषण ट्रैक्कर पर पंजीकृत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अति कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है।  जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को सबसे पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि हिमाचल का लगभग प्रत्येक क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है, लेकिन बेहतर सम्पर्क सुविधा यहां सबसे प्रमुख चुनौती है। राज्य में रेल सम्पर्क बढ़ाने पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने इस विषय पर राज्य को क्षतिपूर्ति प्रदान करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे हिमाचल में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सतत् यातायात व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी तैयार की है, ताकि हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता विकास और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केन्द्र बनाया जा सके और विद्युत चालित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग आधारभूत संरचना तैयार की जा सके। इसके लिए विद्युत चालित वाहन निर्माता उद्योगों को अनुदान और प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवा क्षेत्र में व्यय कर रही है।

आईटी का बेहतर प्रयोग कर राज्य को सुशासन के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है सरकार (Workshop On Nutrition And Cooperative Federalism)

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सूचना प्रौद्योगिकी का बेहतर प्रयोग कर राज्य को सुशासन के क्षेत्र में और आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण, पारदर्शिता जबावदेही, राज्य के सभी नागरिकों को आवश्यकतानुसार गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध सूचना उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों के माध्यम से ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में कई पहल लागू की गई हैं और कुछ अन्य के क्रियान्वयन का कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य के प्रत्येक नागरिक का कल्याण प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है और पब्लिक अफेयर्स सेंटर, बैगलुरू ने हिमाचल को वर्ष 2017 और 2018 में छोटे और पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में सुशासन में प्रथम स्थान और वर्ष 2019 में द्वितीय स्थान पर आंकते हुए इसे मान्यता दी है। जयराम ठाकुर ने कहा कि नीति आयोग द्वारा आयोजित यह कार्यशाला पोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर चर्चा के अतिरिक्त विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों के पास लंबित मामलों के निपटान में भी सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि डाॅ. वीके पाॅल और उनके सहयोगी इन मामलों के शीघ्रातिशीघ्र हल के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।

सुशासन सूचकांक में हमीरपुर जिला प्रथम (Workshop On Nutrition And Cooperative Federalism)

मुख्यमंत्री ने सुशासन सूचकांक के तहत संबंधित उपायुक्तों को पुरस्कार प्रदान किए। सुशासन सूचकांक में हमीरपुर जिला प्रथम, बिलासपुर जिला द्वितीय एवं कुल्लू जिला तृतीय स्थान पर रहा। हिमाचल प्रदेश सरकार के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा जिला सुशासन सूचकांक पर रिपोर्ट तैयार की गई है। यह रिपोर्ट सभी के तुलनात्मक प्रदर्शन का आंकलन करने के लिए सात विषयों, 19 केन्द्रित विषयों और 75 संकेतकों पर एकत्रित 12 जिलों के सेकेण्डरी डेटा के आधार पर तैयार की गई है। हिमाचल प्रदेश, देश का पहला राज्य है जिसने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सुशासन की गुणवत्ता का आंकलन करना शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने हैंडबुक ऑन पर्सनल मैटर्ज-2021 का अद्यतन संस्करण भी जारी किया।