होम / Banda Singh Bahadur Historical Memorial : लोहगढ़ में जल्द बनेगा विश्वस्तरीय बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक, प्रथम चरण में 74 करोड़ रुपए होंगे खर्च

Banda Singh Bahadur Historical Memorial : लोहगढ़ में जल्द बनेगा विश्वस्तरीय बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक, प्रथम चरण में 74 करोड़ रुपए होंगे खर्च

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  • केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल और मुख्यमंत्री नायब सैनी की संयुक्त अध्यक्षता में लोहगढ़ परियोजना विकास समिति की बैठक आयोजित

  • प्रथम चरण में किले के जीर्णोद्धार, किलेनुमा दीवार, प्रवेश द्वार, नानकशाही सिक्का और स्मारक का होगा निर्माण

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Banda Singh Bahadur Historical Memorial : केंद्रीय ऊर्जा, आवासन और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज लोहगढ़ परियोजना विकास समिति की बैठक की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। समिति का गठन यमुनानगर के लोहगढ़ में बनने वाले विश्वस्तरीय बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक के विकास की देखरेख के लिए किया गया है। उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने लोहगढ़ में बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक की प्रगति की निगरानी के लिए लोहगढ़ परियोजना विकास समिति का गठन किया है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल समिति के मुख्य संरक्षक, जबकि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी इसके अध्यक्ष हैं।

Banda Singh Bahadur Historical Memorial : स्मारक की स्थापना की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक की स्थापना की प्रगति में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि इस विश्वस्तरीय विरासत स्मारक का जल्द से जल्द निर्माण सुनिश्चित कर इसे जनता को समर्पित किया जा सके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक का निर्माण मुख्य रूप से उनकी जीवनी पर केंद्रित होना चाहिए, जिसमें उनकी बहादुरी और बलिदान की वीरगाथा की झलक हो।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्मारक में बाबा बंदा सिंह बहादुर सहित देश भर में मुगलों के खिलाफ अन्य सिख गुरुओं द्वारा लड़ी गई लड़ाइयों को समर्पित एक संग्रहालय का भी निर्माण होना चाहिए। स्मारक के डिजाइन का उद्देश्य जनता, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को वीर बाबा बंदा सिंह बहादुर के इतिहास और वीरतापूर्ण योगदान के बारे में शिक्षित करना होना चाहिए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि स्मारक की स्थापना में अतीत में प्रचलित रहे पारंपरिक सिख मार्शल आर्ट को भी बढ़ावा देने की ओर भी ध्यान केंद्रित होना चाहिए।

इस परियोजना का निर्माण दो चरणों में होगा पूरा

बैठक में बताया गया कि इस परियोजना का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 74 करोड़ रुपये की लागत से किले के जीर्णोद्धार और संवर्धन, किलेनुमा दीवार का निर्माण, प्रवेश द्वार, नानकशाही सिक्का का निर्माण, साइट का भूनिर्माण और स्मारक का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, एक अत्याधुनिक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा, जिसमें बाबा बंदा सिंह बहादुर की जीवन गाथा को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव तैयार किया जाएगा। बाबा बंदा सिंह बहादुर द्वारा स्थापित ‘सिख राज’ की पहली राजधानी लोहगढ़ में स्थापित होने वाला यह स्मारक उनकी असाधारण बहादुरी, वीरता और बलिदान की कहानी को फिर से जीवंत करेगा।

कुरुक्षेत्र के पिपली में तीन एकड़ भूमि पर भी होगा सिख संग्रहालय का निर्माण

इसके बाद, कुरुक्षेत्र जिले में सिख संग्रहालय की स्थापना पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मनोहर लाल ने कहा कि यदि हरियाणा में कोई ऐसा स्थान है जहां गुरुओं के चरण सबसे अधिक पड़े हैं तो वो कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कुरुक्षेत्र के पिपली में तीन एकड़ भूमि पर सिख संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए समर्पित एक भव्य सिख संग्रहालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं के मूल्यों और आदर्शों से प्रेरित यह संग्रहालय भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के भंडार के रूप में कार्य करेगा।

बैठक में ये रहे उपस्थित

बैठक में पर्यटन मंत्री अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री कंवर पाल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, धरोहर एवं पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव यशपाल यादव, मुख्यमंत्री के ओएसडी बीबी भारती, पूर्व सांसद सरदार तरलोचन सिंह, सिख इतिहासकार एवं हरियाणा राज्य जैव-विविधता बोर्ड के चेयरमैन डॉ. जसपाल सिंह, सिग्मा ग्रुप के चेयरमैन जगदीप सिंह चड्ढा, ओएसडी डॉ. प्रभलीन सिंह सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

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