प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
Belgarh Illegal Mining : यमुनानगर बेलगढ़ क्षेत्र में प्रशासन की नाक तले धड़ल्ले से अवैध खनन हो रहा है। दिन रात अवैध खनन करने वाले लोग हैवी मशीनों से अवैध खनन करते हुए नजर आते हैं लेकिन प्रशासन को यह दिखाई नहीं देते। नियमों को ताक पर रखकर बेलगढ़ क्षेत्र में अर्थ मूविंग मशीनें द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध माइनिंग हो रही है।
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इससे सरकार के राजस्व की हानि और पर्यावरण को खतरा है। पर्यावरण प्रेमी बहुत ज्यादा अवैध माइनिंग के कारण दुखी हैं। अवैध माइनिंग के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले एडवोकेट वरयाम सिंह का कहना है उन्होंने प्रधानमंत्री को फिर से अवैध माइनिंग के लिए लेटर लिखा है।
उनका कहना है अवैध माइनिंग से जो नुकसान सरकार और पर्यावरण को हो रहा है। इसकी भरपाई उन अधिकारियों से होनी चाहिए। जिनको इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है तभी जाकर अवैध खनन पर पाबंदी लग सकती है|
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अवैध खनन के इस गोरखधंधे में संबंधित विभाग के सभी अधिकारी को पता होते हुए भी कार्रवाई जीरो होती है। इसे अधिकारियों की नाकामी समझे या मिलीभगत यह भी सोचने का विषय है। हर रोज लाखों का अवैध खनन कर सरकार को चूना लगाया जाता है।
अगर अवैध खनन रोकने के लिए बनाई गई टीम इमानदारी से कार्य करें तो बैल गढ़ क्षेत्र में अवैध खनन किसी भी सूरत में नहीं हो सकता। क्योंकि अवैध खनन करने वाले अवैध खनन करके रेत बजरी तो निकाल ले जाते हैं। लेकिन मौके पर बहुत बड़े बड़े खड्डे रह जाते हैं। जिन पर अगर स्पेशल टीम चाहे तो कार्रवाई कर सकती है। प्रताप नगर क्षेत्र में आज तक करोड़ों रुपए का अवैध खत्म हो चुका है।
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आज संबंधित विभाग के किसी भी कर्मचारी या अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अवैध खनन को बढ़ावा मिलने का यह भी एक मुख्य कारण है। जिससे अवैध खनन रोकने वाले विभाग के कर्मचारी लापरवाह होते जा रहे हैं। क्षेत्र में चल रहे स्क्रीनिंग प्लांट अवैध खनन करने वालों से सामग्री खरीदते हैं।
अवैध खनन करने वालों पर कार्रवाई करने वाली टीम भी दिन के उजाले में क्षेत्र में घूम कर खानापूर्ति कर वापस चली जाती है। अगर अवैध खनन रोकने वाली टीम के किसी कर्मचारी को फोन द्वारा सूचना दी जाती है। पहले तो वह कर्मचारी फोन भी उठाना ठीक नहीं समझते और अगर फोन उठाते भी है तो उनका कहना होता है। कि हम ड्यूटी चेंज कर रहे हैं दूसरे कर्मचारी आएंगे और कार्रवाई करेंगे ।
दिन निकलते ही बैल गढ़ क्षेत्र मैं जिस तरफ भी नजर जाएगी उसी तरह अवैध माइनिंग करते हुए अर्थ मूवी मशीनें ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली ही नजर आते हैंअवैध खनन पर निगरानी करने के लिए वैसे तो प्रशासन ने टीमें बनाई हुई है। लेकिन प्रशासन द्वारा बनाई टीम दिन के समय क्षेत्र में घूम कर खानापूर्ति कर लेती है।
सब कुछ जानते हुए प्रशासनिक अधिकारी आंखें बंद किए हुए बैठे हैं। क्षेत्र में अगर सही तरीके से जांच की जाए तो वहां पर करोड़ों रूपये का अवैध खनन हो चुका है। जिसको खनन माफिया व स्क्रीन प्लांट संचालक डकार चुके हैं।
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बेलगढ के पास लगती पटरी के साथ यमुना मे मशीनें अवैध खनन करती है। जिसका खामियाजा आने वाले समय में साथ लगते अन्य गांवों को भुगतना पड़ सकता है।
इससे पहले भी अवैध खनन की वजह से यमुना की पटरी टूट कन्यावाला गांव में पानी घुस गया था। उस समय भी ग्रामीणों को यहां वहां भागकर जान बचाई थी।बेलगढ़ में हो रहे अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में कई दर्जन गांव बाढ़ के पानी का निशाना बन सकते हैं।
इस बारे में जब माइनिंग अधिकारी गुरजीत सिंह से बात की गई तो उनका रटा रटाया जवाब था। कि अवैध माइनिंग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी । जो भी अवैध माइनिंग करता हुआ पाया गया उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी
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