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डायबिटीज को करना चाहते है कंट्रोल, करें ये 10 योगासन

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : July 8, 2022

इंडिया न्यूज, Yogasans For Diabetes Control : व्यस्त जीवनशैली और खानपान खराब होने का सबसे बड़ा जोखिम मधुमेह (डायबिटीज) यानी हाई शुगर लेवल है। डायबिटीज या मधुमेह की समस्या आमतौर पर कमजोर मेटाबॉलिज्म की वजह से ही होती है। समय रहते अगर इसका इलाज न किया जाए तो यह ब्लड शुगर लेवल को अधिक बढ़ाने का कार्य करता है।

मधुमेह तीन तरह का होता है। जिसमें टाइप 1 मधुमेह में पैंक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन कम या बंद हो जाता है। टाइप 2 डायबिटीज इंसुलिन प्रतिरोध के कारण होता है। वहीं तीसरा होता है, गर्भकालीन मधुमेह, यह गर्भावस्था के दौरान होता है।

यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। डायबिटीज़ ज्यादातर वंशानुगत या खराब जीवनशैली के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले डायबिटीज़ को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है।

डायबिटीज़ को कंट्रोल करना है तो व्यायाम और योगासन को अपने रूटीन में शामिल करें। यक़ीन मानिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का सबसे इफेक्टिव और आसान तरीका है योग।

आप यहां बताए गए योगासनों को सुबह या शाम कभी भी कर सकते हैं।

1. धनुरासन

धनुरासन पैंक्रियाज को सक्रिय कर देता है। शरीर में ब्लड शुगर कंट्रोल करने वाले इंसुलिन हॉर्मोन पैंक्रियाज ही उत्पादित करता है। इसके अलावा धनुरासन पेट के सभी अंगों को मजबूत बनाने के साथ तनाव से भी राहत देता है। शुगर के मरीजों के लिए अत्यधिक लाभदायक है।

  • योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं, पैरों को सटाकर रखें और हाथों को पैरों के पास रखें।
  • धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखने को पकड़ें।
  • सांस भीतर की ओर खींचें और सीने को उठाएं और जांघों को जमीन से ऊपर उठाएं।
  • सामने की तरफ देखें और चेहरे पर मुस्कान बनाए रखें।

2. कपालभाति प्राणायाम

कपालभाति प्राणायाम मधुमेह रोगियों के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह आपके शरीर की तंत्र-तंत्रिकाओं और दिमाग की नसों को मजबूती देता है। इसी के साथ शरीर में ऊर्जा भी देता है। कपालभाति प्राणायाम शरीर में रक्त प्रवाह को बेहतर करने के साथ मन को भी शांत करता है। यह पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करता है। यह प्राणायाम रक्त परिसंचरण को सुधारता है।

  • कपालभाति करने के लिए सबसे पहले वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं।
  • इसके बाद अपने दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं। …
  • गहरी सांस अंदर की ओर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें। …
  • अगर आप कपालभाति की शुरुआत कर रहे हैं, तो 35 से शुरू करें और दिन के हिसाब से इसे बढ़ाते जाएं।

3. अर्धमत्स्येन्द्रासन

मधुमेह रोगियों को अर्धमत्स्येन्द्रासन करना चाहिए। इससे पेट के अंगों की मालिश होने के साथ साथ रीढ़ की हड़ियाँ भी मजबूत बनती है। यह आसन पेट के अंगो की मालिश करता है व फेफेड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाता है। इस योगासन को करने से मन शांत होता है और रीढ़ की हड्डी के हिस्से में रक्त संचालित हो जाता है।

  • जमीन पर बैठ जाएं और अपने पैरों को अपने सामने सीधा फैलाकर बैठें।
  • इस दौरान अपनी कमर और रीढ़ को सीधी रखें।
  • बाएं पैर को मोड़ें और बाएं पैर की एड़ी दाएं कूल्हे के बगल में रखें। (वैकल्पिक रूप से, आप बाएं पैर को सीधा रख सकते हैं)
  • दाएं पैर को बाएं घुटने के ऊपर ले जाएं।
  • बाएं हाथ को दाहिने घुटने पर और दाएं हाथ को अपने पीछे रखें।
  • इस दौरान कमर, कंधों और गर्दन को दाईं ओर मोड़ें और अपनी नजर दाएं कंधे पर रखें।
  • रीढ़ को सीधा रखें।
  • इस पोजीशन में रहें और गहरी और लंबी सांस लेते रहें।
  • सांस बाहर छोड़ें, पहले दाहिने हाथ को रिलीज करें, फिर कमर को रिलीज करें, फिर छाती को, और आखिर में गर्दन को रिलीज करें।
  • रिलैक्स करें और सीधे बैठें।
  • इसी आसन को दूसरी तरफ दोहराएं।
  • सांस बाहर छोड़ें, सामने की ओर देखें और रिलैक्स करें।

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4. पश्चिमोत्तानासन

हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए पश्चिमोत्तानासन करना बहुत फायदेमंद होता है। यह आसन पेट व श्रोणि के अंगो को सक्रिय करता है जो कि शुगर या डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बहुत लाभदायक है। पश्चिमोत्तानासन शरीर में प्राण ऊर्जा को बढ़ाता है और मन को शांति प्रदान करता है।

  • सबसे पहले दोनों पैरों को बाहर की ओर फैलाते हुए जमीन पर बैठ जाएं।
  • पैर की उंगलियों को आगे और एक साथ रहनी चाहिए।
  • श्वास लें, अपनी बाहों को ऊपर उठाएं और जहां तक संभव हो शरीर को आगे की ओर झुकाने के लिए झुकें।
  • आगे की ओर झुकते समय साँस छोड़े ।

5. सेतुबंधासन

यह आसन डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए बहुत फ़ायदेमंद है। यह न स़िर्फ ब्लडप्रेशर कंट्रोल करता है, बल्कि मन को शांति और सुकून देता है। इसे नियमित करने से पाचनतंत्र ठीक रहता है। गर्दन और रीढ़ की स्ट्रेचिंग के साथ-साथ यह आसन पीरियड में आराम दिलाता है।

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब अपने घुटनों को ऊपर की ओर मोड़े और तलवों को जमीन पर रखें। ध्यान रहे कि आपके एंकल और घुटने एक
  • दूसरे के सीधे नीचे होंगे।
  • अब अपने दोनों हाथों से पैरों एंकल को पकड़े।
  • इसके बाद सांस ले और अपनी बॉडी को ऊपर की ओर उठाएं।
  • इसमें आपके कंधे, पैर गर्दन और सिर जमीन पर टिके रहेंगे।
  • अब सांस लें और छोड़ें।
  • इस मुद्रा में एक या दो मिनट तक रहें।
  • इसके बाद सांस छोड़ते हुए आराम की मुद्रा में आ जाएं।

6. बलासन

डायबिटीज़ को जड़ से समाप्त करने वाला यह आसन बच्चों की मुद्रा नाम से भी जाना जाता है। इससे सारा तनाव और थकान दूर हो जाती है। यह स्पाइन, जंघा और टखनों की स्ट्रेचिंग करता है। इससे तनाव और थकान से राहत मिलती है। लोअर बैक पेन में भी यह सहायक है।

  • वज्रासन मे बैठ जाये अपनी रीढ़ को सीधा रखे ।
  • साँस लेते हुए अपने दोनों हाथो को ऊपर ले जाये ।
  • साँस छोड़ते हुए अपनी कमर के ऊपरी भाग को आगे झुके साथ ही दोनों हाथो को भी ।
  • हाथो को सीधा रखे, और सिर को जमीन पर लगये ।
  • 30 सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक मुद्रा मे रहे ।

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7. सुप्त मत्स्येन्द्रासन

सुप्त मत्सेन्द्रयासन शरीर के अंदरूनी अंगों की मालिश करता है व पाचन क्रिया में सहायता करता है। यह आसन पेट के अंगो को सक्रिय करता है और डायबिटीज़ या मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत अच्छा होता है।

  • पीठ के बल सीधा ज़मीन पर लेट जायें।
  • दोनो हाथों को कंधों की सिधाई में दोनो ओर फैला लें।
  • दाईं टाँग को घुटने से मोड़ें और ऊपर उठायें।
  • अब साँस छोड़ते हुए, और दायें कूल्हे को उठाते हुए, पीठ को बाईं ओर मोड़ें और दायें घुटने को नीचे की ओर जाने दें।

8. वज्रासन

यह बेहद सरल आसन है जो डायबिटीज़ के मरीज़ों को ज़रूर आज़माना चाहिए. इससे मन शांत और पाचन तंत्र ठीक रहता है। इससे स्पाइन की हड्डियों और शरीर के निचले हिस्से का मसाज हो जाता है। इस कारण यह बहुत अच्छे नतीजे देता है।

  • पैरों को मोड़कर घुटनों के बल बैठ जाएं। अपने पैरों के पंजों को पीछे की तरफ खींचें। उन्हें साथ बनाए रखें और पैर के अंगूठों को एक-दूसरे पर क्रॉस कर लें।
  • धीरे-धीरे अपने शरीर को इस प्रकार नीचे ले जाएं कि आपके हिप्स एड़ियों पर जाकर टिक जाएं। जबकि आपकी जांघें आपके काफ मसल्स पर टिकेंगी।
  •  अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें, सिर एकदम सीधा रखें और आपकी दृष्टि एकदम सामने की ओर रहेगी।
  • अपना ध्यान सांसों की गति पर केंद्रित रखें। इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आप कैसे सांस ले रहे हैं। सांस आने और जाने पर बराबर ध्यान बनाए रखें।
  •  अपनी आंखें बंद कर लें और सांस की गति पर ध्यान दें। धीरे-धीरे अपने दिमाग को अन्य सभी बातों से हटाकर सिर्फ सांस आने और जाने पर केंद्रित करने की कोशिश करें।
  •  इस आसन का अभ्यास शुरुआत में कम से कम 5 मिनट और अधिकतम 10 मिनट तक कर सकते हैं। अभ्यस्त हो जाने पर इसे 30 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।

9. हलासन

इस आसन को डायबिटीज़ के लिए इसलिए अनुकूल माना गया है, क्योंकि यह लंबे समय तक बैठनेवालों के लिए फ़ायदेमंद है। यानी पोस्चर संबंधी समस्या के लिए यह वरदान है। यह गले की ग्रंथि, फेफड़ों और दूसरे अंगों को उत्तेजित करता है, जिससे पूरे शरीर में रक्त संचार तेज़ी से होता है।

  • हलासन के लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • सांस ले और अपने दोनों पैरों को 90 डिग्री तक सीधा ऊपर की ओर लेकर जाएं।
  • इसके बाद अपनी कमर और हिप्स को हाथों के जरिए सहारा दें।
  • इसके बाद अपने पैरों को सिर के ऊपर से सीधा पीछे की ओर ही ले जाने का प्रयास करें। अपने पैरों से जमीन को छुए और पैर सीधे ही रखें।
  • कुछ देर इस मुद्रा में बने रहें और फिर वापस आराम की मुद्रा में जाएं।
  • इस आसन को 3 से 5 बार दोहरा सकते हैं।

10. ​सर्वांगासन

यह योग का एक बेहतरीन आसन हैं जो शरीर को स्वस्थ व फिट रखने और बीमारियों से बचाने में सहायक होता हैं। सर्वांगासन के फायदे शरीर के लगभग सभी अंगों को प्राप्त होते हैं। चाहे बात मोटापा कम करने की हो या बालों को टूटने व झड़ने से बचाने की, सर्वांगासन के लाभ हर चीज के लिए बेहतरीन हैं।

  • इस आसन को करते हुए सबसे पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • इसके बाद अपने पैर, कमर, हिप्स को कंधों की मदद से ऊपर की तरफ उठाएं।
  • अपनी कमर को हाथों से सपोर्ट करें ताकि बैलेंस बना रहें।
  • अपना ध्यान कंधों पर केंद्रित करें और महसूस करें कि सारा भार कंधों और हाथ के ऊपरी भार पर ही है।
  • इस दौरान अपने सिर और गर्दन पर किसी तरह का प्रेशर ना बनाएं। इन्हें फ्री रहने दें।
  • अपने पैरों को जितना हो सके उतना ऊपर की तरफ जाने दें।
  • इसके बाद आराम की मुद्रा में आए और रिलैक्स करें।
  • अब इस आसन को अपनी क्षमता के मुताबिक जितना हो सके दोहराएं।

Conclusion : रक्त ग्लूकोज प्रबंधन में मदद करने के लिए एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉक्टर मधुमेह और अंतःस्रावी तंत्र के अन्य रोगों का इलाज करते है वे विशेष रूप से आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। शुगर कण्ट्रोल करने के लिए योगासन को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं और शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सके।

10 Yogasans For Diabetes Control

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