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Alum Benefits for Health : फिटकरी का उपयोग पुरानी खांसी में रामबाण इलाज, ऐसे लाएं उपयोग में

• LAST UPDATED : December 11, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Alum Benefits for Health : वैसे तो फिटकरी का उपयोग अनेक कामों में किया जाता है लेकिन हेल्थ में इसके लाभों को जानेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे। पुरानी खांसी में फिटकरी का उपयोग रामबाण इलाज बताया गया है। तो चलिए फिटकरी के फायदों सेे आज आपको रू-ब-रू करवाते हैं।

पुरानी खांसी : फिटकरी को पीसकर लोहे की कड़ाही या तवे पर रखकर आग पर चढ़ा दें। फूलकर पानी हो जाएगी। जब सब फिटकरी पानी होकर नीचे की तरफ से खुश्क होने लगे तब उसी समय आंच थोड़ा कम करके किसी छुरी आदि से उल्टा दे। अब फिर दोबारा आंच थोड़ी तेज करे ताकि इस तरफ भी नीचे से खुश्क होने लगे। फिर इस खुश्क फूली फिटकरी का चूर्ण बनाकर रख लें। इससे पुरानी से पुरानी खांसी दो सफ्तह के अंदर दूर हो जाती है।

दमा : फिटकरी के उपयोग से साधारण दमा भी आसानी से दूर हो जाता है। गर्मियों की खांसी के लिए विशेष लाभप्रद है। बिलकुल हानिरहित सफल प्रयोग है।

बुख़ार : साधारण बुख़ार में थोड़ी-सी सोंठ और फिटकरी पीसकर दिन में तीन बार बताशे में रखकर खिलाने से शीघ्र आराम मिलता है।

स्किन : स्किन संबंधी बीमारियों में फिटकरी बड़ी गुणकारी होती है। त्वचा के जिस स्थान पर समस्या या फिर दाग़, खाज-खुजली आदि हुआ हो, उस स्थान को बार-बार फिटकरी के पानी से धोने से लाभ होता है।

पीलिया : पीलिया होने पर 10 ग्राम फिटकरी को पीसकर 21 पुड़िया बना लें। दिन में तीन बार 1-1 पुड़िया गाय के दूध के मक्खन के साथ सेवन करने से पीलिया में आराम मिलता है।

घाव: अगर घाव भर नहीं रहा तो फिटकरी को तवे पर भूनकर चूर्ण बना लें। 1/4 टेबल स्पून गाय के घी में 25 ग्राम फिटकरी मिलाकर घाव पर लगाएं तो कुछ ही दिनों में घाव ठीक हो जाएगा।

कुष्ठ रोग के निवारण में 100 ग्राम फिटकरी पीसकर भस्म बनाएं। 250 मि.ग्रा. फिटकरी और एक चम्मच शहद को गाजर-मूली के रस में मिलाकर नियमित सेवन करें।

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एक उपाय यह भी …..

  • 100 ग्राम भुनी हुई फिटकरी नीम के रस में घोंटकर सरसों के तेल में पकाएं और घाव पर इसका लेप करें। तीन घंटे बाद नीम की पत्ती को पानी में उबालकर लेप को धो डालें और फिटकरी के पानी से ही स्नान करें। कुछ दिनों में कुष्ठ रोग ठीक हो जाएगा।
  • आंखों में रोहे होने पर 5-5 ग्राम फिटकरी और सुहागा एक साथ पीस लें। फिर इसमें एक या डेढ़ ग्राम क़लमी शोरा मिलाकर मिश्रण को छान लें और दो-तीन बूंद आंखों में सुबह-शाम डालें। यह लाभप्रद नुस्ख़ा है।
  • बदहज़मी होने पर दो-दो ग्राम क़लमी शोरा और नौसादर को आधा ग्राम फिटकरी में पिघलाकर एक स्टील की कटोरी में ठंडा कर लें, बच्चों को 250 मि.ग्रा व बड़ों को आधा ग्राम की फंकी देकर ताज़ा पानी पिलाएं। इससे बदहज़मी दूर हो जाएगी।

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  • दांतों में खून आता हो, तो लगभग 5 ग्राम फिटकरी का चूर्ण बना लें। उसमें जामुन की लकड़ी के कोयले को पीसकर मिला लें, इस मिश्रण को दांतों पर मलने से दांतों से खून निकलना बंद हो जाता है।
  • मुंह के छाले के लिए आग में फुलाई गई फिटकरी और बराबर मात्रा में माजूफल का चूर्ण मिलाकर जीभ पर मलें।
    इससे लार गिरेगी और छाले ठीक हो जाएंगे।
  • गन्ने की चाशनी से निकाली गई शक्कर व भुनी हुई फिटकरी समान मात्रा में पीसकर रख लें। केवल 5 ग्राम चूर्ण की फकी खाने से काली खांसी ठीक हो जाएगी।
  • सूखी खांसी के लिए 10 ग्राम फिटकरी और 25 ग्राम मिश्री का चूर्ण बनाएं. एक ग्राम चूर्ण को फांककर 250 मि.ली. गुनगुना दूध पीएं। इसके सेवन से सूखी खांसी दूर हो जाती है।

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