India News Haryana (इंडिया न्यूज), Arjuna Bark : प्रकृती ने हमें ऐसी अनेक जड़ी बूटिंया दी हुई हैं जोकि हमाारे स्वास्थ्य को काफी लाभ देने में कारगर है। इसी में से एक है अर्जुन छाल जिसके कई गुण हैं।
इसका रस कैशैला होता है। अर्जुन की तासीर ठंडी होती है अर्थात यह शीत वीर्य होती है। यह हृदय विकारों में फायदेमंद एवं पित एवं कफ का शमन करने वाली होती है। रक्तविकार एवं प्रमेह में भी इसके औषधीय गुण लाभदायी होते है।अर्जुन को सिर्फ हृदय के विकारों में ही लाभदायक नहीं माना जाता बल्कि अलग-अलग औषधीय योगों के साथ इसका उपयोग करने से बहुत से विकारों में फायदेमंद साबित होता है।
हृदय विकारों में 30 ग्राम अर्जुन चूर्ण ले एवं इसके साथ 3 ग्राम जहरमोहरा और 30 ग्राम मिश्री मिलाकर इमामदस्ते में अच्छे से खरल कर लें। इस तैयार चूर्ण में से 1 ग्राम सुबह एवं शाम गुनगुने दूध के साथ सेवन करें।जल्द ही हृदय से सम्बंधित सभी विकार दूर हो जायेंगे। नित्य एक ग्राम की मात्रा में अर्जुन चूर्ण का इस्तेमाल दूध के साथ सुबह एवं शाम करने से हृदय विकार ठीक होने लगते हैं।
अर्जुन छाल की खीर बनाकर सेवन करें। इसकी खीर बनाने के लिए एक भाग अर्जुन छाल (10 ग्राम), 8 गुना दूध (80 ग्राम) एवं 32 गुना जल (320 ग्राम) लेकर इनको मिलाकर उबालें। जब सारा पानी उड़ जाए एवं सिर्फ दूध बचे तब इसे छानकर रोगी को दिन में दो बार सेवन करवाएं। ये सभी विकार जल्द ही दूर हो जाएंगे। हृदय की कमजोरी में अर्जुन छाल के चूर्ण के साथ गाय का घी एवं मिश्री मिलाकर सेवन करवाएं। हृदय को बल मिलेगा।
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