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Arjuna Bark : अर्जुन छाल हृदय रोग, कोलेस्ट्रोल एवं हाई ब्लड प्रेशर में भी क्या करती है काम, जाने

• LAST UPDATED : September 17, 2024

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Arjuna Bark : प्रकृती ने हमें ऐसी अनेक जड़ी बूटिंया दी हुई हैं जोकि हमाारे स्वास्थ्य को काफी लाभ देने में कारगर है। इसी में से एक है अर्जुन छाल जिसके कई गुण हैं।
इसका रस कैशैला होता है। अर्जुन की तासीर ठंडी होती है अर्थात यह शीत वीर्य होती है। यह हृदय विकारों में फायदेमंद एवं पित एवं कफ का शमन करने वाली होती है। रक्तविकार एवं प्रमेह में भी इसके औषधीय गुण लाभदायी होते है।अर्जुन को सिर्फ हृदय के विकारों में ही लाभदायक नहीं माना जाता बल्कि अलग-अलग औषधीय योगों के साथ इसका उपयोग करने से बहुत से विकारों में फायदेमंद साबित होता है।

Arjuna Bark :जानें विभिन्न रोगों में अर्जुन छाल के फायदे

  • पितशमन एवं रक्तपित में अर्जुन छाल का उपयोग।
  • अर्जुन कफ एवं पितशामक होता है एवं अम्लपित में भी लाभप्रद होता है।
  • रक्तपित की समस्या में अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर सुबह पीने से रक्तपित की समस्या में फायदा मिलता है।
  • अम्लपित एवं पितशमन के लिए 1 ग्राम अर्जुन छाल चूर्ण में समान मात्रा में लाल चन्दन का चूर्ण मिलाकर इसमें शहद मिला लें। इस मिश्रण को चावल के मांड के साथ प्रयोग करने से जल्द ही बढे हुए पित का शमन हो जाता है एवं अम्लपित की समस्या भी जाती रहती है।

हृदय रोगों में अर्जुन छाल का प्रयोग!

हृदय विकारों में 30 ग्राम अर्जुन चूर्ण ले एवं इसके साथ 3 ग्राम जहरमोहरा और 30 ग्राम मिश्री मिलाकर इमामदस्ते में अच्छे से खरल कर लें। इस तैयार चूर्ण में से 1 ग्राम सुबह एवं शाम गुनगुने दूध के साथ सेवन करें।जल्द ही हृदय से सम्बंधित सभी विकार दूर हो जायेंगे। नित्य एक ग्राम की मात्रा में अर्जुन चूर्ण का इस्तेमाल दूध के साथ सुबह एवं शाम करने से हृदय विकार ठीक होने लगते हैं।

अगर हृदय की धड़कन तेज हो और साथ में पीड़ा या घबराहट हो तो!

अर्जुन छाल की खीर बनाकर सेवन करें। इसकी खीर बनाने के लिए एक भाग अर्जुन छाल (10 ग्राम), 8 गुना दूध (80 ग्राम) एवं 32 गुना जल (320 ग्राम) लेकर इनको मिलाकर उबालें। जब सारा पानी उड़ जाए एवं सिर्फ दूध बचे तब इसे छानकर रोगी को दिन में दो बार सेवन करवाएं। ये सभी विकार जल्द ही दूर हो जाएंगे। हृदय की कमजोरी में अर्जुन छाल के चूर्ण के साथ गाय का घी एवं मिश्री मिलाकर सेवन करवाएं। हृदय को बल मिलेगा।

अन्य रोगों में अर्जुन छाल के स्वास्थ्य उपयोग या फायदे

  • थूक के साथ अगर खून आता हो तो अर्जुन चूर्ण को अडूसे के पतों के रस में सात बार अच्छे से घोट कर, इस चूर्ण के साथ शहद मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • दस्त के साथ खून आता हो तो छाल को बकरी के दूध में पीसकर थोडा शहद मिलाकर सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • रक्त अशुद्धि के कारण त्वचा विकारों में मंजिष्ठ के चूर्ण के साथ अर्जुन का चूर्ण मिलाकर सेवन करने से रक्त की अशुद्धि मिटती है एवं त्वचा कांतिमय बनती है।
  • पेट के विकारों में अर्जुन छाल के चूर्ण के साथ बंगेरनमूल की छाल का चूर्ण मिलाकर सेवन करवाने से उदर विकार में लाभ मिलता है।
  • श्वेत प्रदर एवं रक्त प्रदर की समस्याओं में नित्य 2 ग्राम चूर्ण का गरम पानी के साथ सेवन करने से लाभ मिलता है।
  • मुंह में छाले हो गए हो तो 5 ग्राम चूर्ण को तिल के तेल में मिलाकर मुख में रखने से मुंह के छालों में आराम मिलता है।

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