India News Haryana (इंडिया न्यूज), Health Tips: सर्दियों का मौसम आते ही लोगों का रुझान पारंपरिक और सेहतमंद खाने की ओर बढ़ता है। ऐसे में बाजरे की रोटी एक बेहतरीन विकल्प है, जो स्वाद और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद है। गाजीपुर की गृह विज्ञान की सहायक प्रोफेसर नेहा मौर्या का कहना है कि बाजरे की रोटी पहले हमारे भोजन का अहम हिस्सा थी, लेकिन आधुनिकता और मैदे-गेहूं की रोटी के बढ़ते उपयोग ने इसे हमारी थाली से बाहर कर दिया।
बाजरा एक ग्लूटन-फ्री अनाज है, जो फाइबर से भरपूर होता है। इससे कब्ज और एसिडिटी जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। बाजरे का ग्लिसिमिक इंडेक्स कम होने के कारण यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। नियमित रूप से बाजरे की रोटी खाने से वजन बढ़ने की समस्या भी नहीं होती। प्रोफेसर नेहा बताती हैं कि फाइबर की कमी के कारण लोगों में बीपी, थायरॉइड और सांस फूलने जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। बाजरे का सेवन इन समस्याओं को दूर करने में मददगार है।
बाजरे को अक्सर गरीबों और पशुओं का भोजन माना जाता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे 2023 में ‘मिलेट ईयर’ घोषित कर इसके पोषणात्मक महत्व को दुनिया के सामने रखा। बच्चों को बाजरा खिलाने के लिए इसे आकर्षक तरीके से परोसना जरूरी है। चुकंदर, गाजर और मेथी को बाजरे के आटे में मिलाकर रोटी बनाएं, जिससे बच्चे इसे खुशी-खुशी खाएंगे।
बाजरे का आटा गूंथते समय इसे अच्छे से मिक्स करें। यह रोटी को नरम बनाता है और खाने में आसानी होती है। सर्दियों में बाजरे की रोटी के साथ घी और गुड़ का सेवन करने से शरीर को भरपूर ऊर्जा मिलती है। बाजरे की रोटी सिर्फ सेहत ही नहीं, बल्कि हमारी पारंपरिक धरोहर भी है। इसे अपने भोजन में शामिल कर हम बीमारियों से बच सकते हैं और अपनी जीवनशैली को बेहतर बना सकते हैं। तो इस सर्दी बाजरे की रोटी को अपने खाने का हिस्सा बनाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।