Benefits Of Chikoo : फल कोई भी हो सभी की अपनी अलग खासियत और स्वाद होता है, जिसकी वजह से लोग उसे पसंद करते हैं। ऐसे ही फलों में चीकू का नाम भी है। इस फल में एक अलग मिठास के साथ ही अनेक ऐसे गुण हैं, जो शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में लोगों की मदद कर सकते हैं।
यह फल ही नहीं बल्कि इसके पेड़ के विभिन्न हिस्सों का इस्तेमाल लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचने और उनके लक्षणों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है। चीकू विटामिन, मिनरल और एंटीआक्सीडेंट से भरपूर होता है, इसलिए यह फल सेहत के साथ ही त्वचा और बालों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है।
हम लेख में आगे चीकू के फायदे पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस दौरान हम चीकू के गुण के बारे में बताएंगे, जो शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। तो आईए जानते है कि चीकू खाने के क्या-क्या फायदे है।
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ऐसे कई फल होते हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान महिला के लिए सेवन करना लाभदायक हो सकता है, उन्हीं फलों में से एक है चीकू। काबोर्हाइड्रेट, प्राकृतिक शुगर, विटामिन-सी जैसे कई आवश्यक पोषक तत्वों की उच्च मात्रा से भरपूर होने के कारण इसे गर्भवतियों और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है।
व्यक्ति के शरीर में हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व माने जाते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू ह़ड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुंचा सकता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है।
चीकू का सेवन करने से अप्रत्यक्ष रूप से वजन कम करने में सहायता मिल सकती है। चीकू फल गैस्ट्रिक एंजाइम के स्राव को नियंत्रित कर सकता है, जिससे आगे मेटाबॉलिज्म नियंत्रित हो सकता है। चीकू में डाइटरी फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, इसके सेवन से लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। तो इस आधार पर चीकू को वजन कम करने के लिए प्रभावकारी माना जा सकता है। फिलहाल, वजन नियंत्रण प्रक्रिया पर चीकू के प्रभाव सही तरीके से जानने के लिए अभी और गहन शोध की आवश्यकता है।
लंबे समय से चीकू में कैंसर गुण हैं या नहीं इसको लेकर शोध किया जा रहा था। चीकू में एंटी-कैंसर गुण पाए गये हैं। चीकू के मेथनॉलिक अर्क में कैंसर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकने के गुण पाए गये हैं। चीकू का सेवन न करने वाले चूहों के मुकाबले इसका सेवन करने वालों के जीवन में 3 गुना वृद्धि हुई और ट्यूमर की बढ़ने की गति भी धीमी पाई गयी। चीकू और इसके फूल के अर्क को ब्रेस्ट कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मददगार पाया गया है।
चीकू फल को एनर्जी यानी ऊर्जा का अच्छा स्रोत माना जाता है। खासकर कि चीकू फ्रूट बार को। इसमें मौजूद काबोर्हाइड्रेट शरीर को एनर्जी देने का काम कर सकते हैं। चीकू में सुक्रोज और फ्रुक्टोज नामक प्राकृतिक शुगर भी होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में लाभदायक माने जाते हैं। यही वजह है कि इसे नेचुरल एनर्जी बूस्टर माना जाता है, जिसका इस्तेमाल दिन भर ऊजार्वान रहने के लिए किया जा सकता है। वर्कआउट के बाद चीकू या इसके शेक का सेवन तुरंत ऊर्जा देने का काम कर सकता है। बढ़ते बच्चों के लिए चिकू शेक एक पूर्ण भोजन है, जो कि प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज का एक अच्छा कॉम्बिनेशन है।
हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और आयरन काफी अहम पोषक तत्व माने जाते हैं। ऐसे में इन तीनों पोषक तत्वों से भरपूर चीकू ह़ड्डी को मजबूत बनाकर उसे लाभ पहुंचा सकता है। चीकू में कॉपर की मात्रा भी पाई जाती है, जो हड्डियों, कनेक्टिव टिश्यू और मांसपेशियों के लिए जरूरी होता है। कॉपर आस्टियोपोरोसिस,मांसपेशियों की कमजोरी, ताकत में कमी और कमजोर जोड़ों की आशंकाओं को कम करने का काम कर सकता है। कॉपर के साथ ही इसमें मौजूद मैंगनीज, जिंक और कैल्शियम बुढ़ापे की वजह से हड्डी को होने वाले नुकसान से बचाने में सहायक हो सकते हैं।
चीकू के लाभ में इम्यूनिटी को बढ़ाना भी शामिल है। गुरु जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी हरियाणा द्वारा सपोटा पर किए गए शोध के मुताबिक इसमें मौजूद विटामिन-सी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाकर, शरीर को बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाने और उनसे लड़ने में मदद कर सकता है’ साथ ही विटामिन-सी स्ट्रेस की वजह से कमजोर होने वाली इम्यूनिटी में भी सुधार करने में लाभदायक हो सकता है।
सपोडिला यानी चीकू में भी फाइबर होता हैै। इसमें मौजूद फाइबर लैक्सेटिव की तरह काम करता है, जिसकी मदद से मल आसानी से मलद्वार से बाहर निकल जाता है और कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। चीकू के फल को पानी में उबालकर पीने से डायरिया भी ठीक हो सकता है। चीकू में मौजूद टैनिन एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। चीकू में मौजूद टैनिन एटी-इंफ्लामेटरी की तरह काम करते हैं। यह प्रभाव पाचन तंत्र संबंधी समस्याओं जैसे फूड पाइप में होने वाली सूजन, छोटी आंत में होने वाली सूजन, इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम, पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है।
सपोटा में मौजूद मैग्नीशियम रक्त वाहिकाओं को गतिशील बनाए रखता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद पोटेशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। रोजाना चीकू को उबालकर इसका पानी पीने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है।
दांतों में कैविटी होना काफी आम हो गया है, जिसकी अहम वजह है बैक्टीरिया। इस समस्या से निपटने में चीकू मदद कर सकता है। चीकू में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण यहां लाभदायक हो सकते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया से लड़ने और इनसे बचाव में मदद कर सकते हैं। सपोडिला फल में पाए जाने वाले लैटेक्स का उपयोग दांतों की कैविटी को भरने के लिए भी किया जा सकता है। इसके अलावा, चीकू में मौजूद विटामिन-ए ओरल कैविटी कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है।
गलत खान-पान और लाइफ स्टाइल की वजह से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सपोटा यानी चीकू मदद कर सकता है। किडनी स्टोन से बचाव करने और इसके लक्षण कम करने के लिए चीकू फल के बीज को पीसकर पानी के साथ सेवन करना लाभदायक माना जाता है। इसमें ड्यूरेटिक यानी मूत्रवर्धक गुण होते हैं। माना जाता है कि यह गुण किडनी में मौजूद स्टोन को पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में मदद कर सकता है।
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