इंडिया न्यूज़,(Benefits of Drinking Pot Water in Summer): गर्मियां शुरू हो चुकी हैं। इस मौसम में पसीना अधिक आता है। ऐसे में प्यास अधिक लगती है। शहरों में लोग बाजार से बोतल खरीदकर पानी पीते हैं। घर में आरओ सिस्टम लगा होता है, जबकि गांव में नल और कुएं के पानी का इस्तेमाल होता है। लेकिन इसके अलावा भी पानी को फायदेमंद बनाने का एक और विकल्प है। गर्मियों में मटका का यूज बड़े काम का हो सकता है। यह पानी को औषधीय बनाता है। मटके का पानी गले को आराम देने के अलावा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम भी करता है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि मटके का पानी पीने से क्या-क्या फायदे होते हैं?
सबसे अच्छी बात यह है कि मिट्टी के बर्तन या घड़े का पानी पीने से पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है। मटका पानी की सारी अशुद्धियों को दूर कर देता है। प्लास्टिक की बोतल की तरह मिट्टी के बर्तन में किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसलिए यह केमिकल फ्री है।
पानी पीते समय उसका पीएच लेवल पता होना चाहिए। इससे शरीर के अंदरूनी अंगों को काफी नुकसान हो सकता है। मटके में रखे पानी का पीएच लेवल संतुलित रहता है। घड़ा क्षारीय प्रकृति का होता है, यह जल के अम्लीय तत्वों को सामान्य करने का कार्य करता है। मटके का पानी पीने से शरीर का पीएच स्तर भी बना रहता है।
आमतौर पर लोग पानी को ठंडा करने के लिए फ्रिज का इस्तेमाल करते हैं। फ्रिज का पानी बहुत ठंडा हो जाता है। कभी-कभी भारी हिमपात होता है। ज्यादा ठंडा पानी पीने से गले में खराश होने का खतरा रहता है। लेकिन मटके का पानी ठंडा होता है, लेकिन यह एक निश्चित स्तर तक ही रहता है। इससे गले में जलन नहीं होती है।
बहुत अधिक गर्मी होने पर लोगों को सनस्ट्रोक हो जाता है। कई लोग हीट स्ट्रोक की चपेट में आ जाते हैं। ऐसे लोगों को मिट्टी के बर्तन से पानी पीना चाहिए। मिट्टी में बसे पोषक तत्व भी शरीर में पहुंचते हैं। इससे शरीर फिट रहता है।
बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं, जोकि रेग्यूलर मटके का पानी पीते रहते हैं। मगर इसको लेकर सावधानी नहीं बरतते हैं। कई बार मटके में फंगस लग जाती है। यदि फंगस लगा पानी कोई व्यक्ति पीता है तो इससे गंभीर संक्रमण होने का खतरा रहता है। व्यक्ति बीमार हो सकता है।
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