Benefits Of Kachnar : कचनार एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। जिसका सेवन कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता है। कचनार की छाल से लेकर जड़ों तक का इस्तेमाल किया जाता है। इतना ही नहीं, कई लोग कचनार की पत्तियों का साग भी बनाकर खाते हैं। प्राचीनकाल से ही कचनार का सेवन किया जा रहा है। इसके सेवन से सर्दी-खांसी से लेकर कई बीमारियों से राहत पाया जा सकता है। कचनार के फूलों से तैयार दवाई का सेवन करने से कई रोगों को दूर किया जा सकता है। इसके सेवन से आप थायराइड, सर्दी-खांसी, मुंह में खाले जैसी कई बीमारियों को दूर कर सकते हैं। तो आईए जानते है कि क्या है कचनार और कचनार के क्या-क्या फायदे है।
कचनार के पेड़ों को दुनिया में सबसे खूबसूरत प्रजातियों में गिना जाता है। जब इस पेड़ पर फूल खिलते हैं, तो इनसे नजर हटाना काफी मुश्किल हो जाता है। कचनार के पेड़ों में आप तीन प्रकार के फूल देख सकते हैं, लाल, पीला और सफेद। कचनार की तीनों ही प्रजातियां सिर्फ दिखावट व सुंदरता के लिए ही जानी नहीं जाती, बल्कि आयुर्वेद के मुताबिक कई रोगों के निवारण में प्रभावशाली औषधियों के निर्माण में इस्तेमाल की जाती है।
तीनों प्रजातियों की चिकित्सीय गुण और फायदे बराबर है, हालांकि मुख्यत: लाल और सफेद रंग के फूल वाले पेड़ों का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि, यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जो कि खांसी, डायबिटीज, लिवर के रोग, सोरायसिस, पेट का कैंसर, सांप का काटना, डायरिया और अनेक स्वास्थ्य समस्याओं में काम आता है।
यह पेड़ मूल रूप से भारत और आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम बौहिनिया वैरीगेटा है, जो कि फेबेसी कुल से संबंध रखता है। इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-मलेरियल, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-कैंसर, एंटी-फंगल, लैक्सेटिव, लिवर टॉनिक, एंटी-अल्सर, एंटीडोट जैसे गुण इसकी प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं।
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मधुमेह की समस्या में रोगी के शरीर में ब्लड ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है, जो कि नियंत्रित न करने पर गंभीर रूप ले सकता है। इसके अलावा, मधुमेह खुद के साथ दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक, किडनी के रोग जैसी खतरनाक स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, जो कि जानलेवा साबित हो सकती है। कचनार में मौजूद एंटी-डायबिटिक गुण शरीर में ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम करने में मदद करते हैं और आपके मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित रखते हैं।
खांसी खुद में एक बीमारी नहीं है, बल्कि आपके श्वास तंत्र में किसी परेशानी व बाधा आने की वजह से शरीर यह प्रतिक्रिया देता है। खांसी के द्वारा फेफड़े सांस के रास्ते में आने वाली किसी बाधा और परेशानी को हटाने की कोशिश करते हैं, जैसे- सूजन, बलगम, कोई एलर्जेन आदि। अगर आपको भी इन्हीं कारणों की वजह से खांसी की समस्या है, तो कचनार से बनी औषधि आपकी मदद कर सकती है। क्योंकि, इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटी-कफ गुण होते हैं, जो आपको खांसी से मुक्ति दिलाने में मदद करते हैं।
कचनार की मदद से किसी घाव की साफ-सफाई या उसका इलाज करने में मदद मिलती है। इसमें एंटी-इंफ्लैमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो घाव की सूजन को कम करके उसमें बैक्टीरिया या फंगस की वजह से होने वाले इंफेक्शन से बचाव करते हैं। जिससे घाव जल्दी से ठीक हो जाता है और आपको आराम मिलता है।
कुछ लोगों को भूख कम लगती है, जिससे उनके शरीर को पर्याप्त मात्रा में पोषण प्राप्त नहीं हो पाता और उन्हें कमजोरी व थकान या दुर्बलता का सामना करना पड़ता है। लेकिन, कचनार लिवर के लिए टॉनिक का कार्य करता है और आपकी भूख बढ़ाता है। जिससे आप स्वस्थ आहार का भरपेट सेवन करके पर्याप्त पोषण प्राप्त कर सकते हैं।
आयुर्वेद में कचनार को थायरॉइड समस्या के लिए सबसे प्रभावशाली माना है और कचनार व गुग्गुल के मिश्रण का सेवन करने की सलाह दी है। दरअसल, थायरॉइड ग्लैंड में सूजन आने की वजह से थायरॉइड की समस्या होती है और कचनार में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण इस सूजन को कम करके आपके शरीर में थायरॉइड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
कचनार आपकी त्वचा के लिए काफी फायदेमंद है, क्योंकि यह आपको सोरायसिस व अन्य त्वचा के संक्रमण से बचाव व इलाज करने में मदद करता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एस्ट्रींजेंट गुण स्किन इंफेक्शन को दूर रखकर आपकी त्वचा को साफ करने में मदद करते हैं।
कचनार के इस्तेमाल से आप अर्थराइटिस और सोरायसिस के मरीजों में होने वाली सोरायटिक अर्थराइटिस से राहत प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि, अर्थराइटिस में आपके जोड़ों के बीच सूजन आ जाती है, जिससे वह पूर्ण क्षमता के साथ कार्य नहीं कर पाते हैं और आपको उठने-बैठने, चलने-फिरने व कार्य करने में दिक्कत होती है और कचनार शरीर में किसी भी तरह की सूजन को कम करता है।
Benefits Of Kachnar
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