Benefits of Soybeans : सोयाबीन एक तरह का दलहन है, जिसका उपयोग खाने और तेल निकालने के लिए किया जाता है। यह पोषक तत्वों का खजाना है, जिसके सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है। सोयाबीन को पेड़-पौधों से मिलने वाले प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है। इसलिए, शाकाहारी लोगों को इसे अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।
सोयाबीन को कई तरीकों से उपयोग में लाया जाता है जैसे इसके बीज की सब्जी बनाकर, इसके तेल का उपयोग करके, इसके छिलके से बनी बरी का उपयोग करके, इसके अतिरिक्त सोयाबीन का दूध भी स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। यह शरीर को एनीमिया और हड्डियों का कमजोर होना बीमारियों से भी दूर रखता है।
सोयाबीन दिल से जुड़े रोगों को ठीक करने में मदद करता है। दिल की बीमारी से ग्रसित लोगों के खून में वसा की मात्रा बढ़ जाती है और फायदेमंद वसा यानी ऌऊछ की मात्रा कम हो जाती है। दिल के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। इस प्रकार यह दिल के रोगों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए फायदेमंद होता है।
सोयाबीन खाने के लाभ मासिक धर्म में Benefits of Soybeans
महिलाओं के मासिक धर्म बंद होने से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है। जिससे महिलाओं की हड्डियों का तेजी से नुकसान होने लगता है। और घुटनो में दर्द भी रहने लगता है। इस स्थिति में सोयाबीन बहुत ही फायदेमंद होता है। इसलिए 3 से 4 महीने तक सोया का उपयोग करने से महिलाओं की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
इसके अलावा सोयाबीन महिलाओं को प्रोटीन देने के साथ-साथ मासिक धर्म के समय होने वाले कष्ट जैसे शरीर में सूजन, भारीपन, थकान, कमर का दर्द आदि में राहत दिलाने में भी मदद करता है।
सोयाबीन में उपस्थति कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। सोयाबीन के अन्य प्रमुख स्वास्थ्य लाभ यह है कि इनमें कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, वसा और कैलोरी भी कम मात्रा होती हैं। यह फाइबर, आयरन, जिंक, पोटेशियम और विटामिन बी का एक अच्छा स्रोत हैं। सोयाबीन एकमात्र ऐसी सब्जी है जिसमें सभी आठ आवश्यक अमीनो एसिड मौजूद होते हैं।
सोयाबीन में आइसोफ्लावोन नाम का एक घटक होता है जो मधुमेह और हृदय रोग का खतरा कम करता है। सोयाबीन खाने से कोलेस्ट्रॉल और ब्लड ग्लूकोज का स्तर कम होता है और यह मधुमेह से पीड़ित लोगों में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करती है।
मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी सोयाबीन बहुत ही फायदेमंद होता है। मधुमेह के रोगियों के लिए सोयाबीन से बनी रोटी का उपयोग लाभदायक होता हैं। इसके अलावा सोयाबीन के रोजाना सेवन से मधुमेह रोग से पीड़ित व्यक्तियों की मूत्र से संबंधित परेशानियां भी दूर होती हैं।
उच्च रक्तचाप के रोगियों को अधिक सोडियम और कम पोटेशियम का सेवन करना चाहिए। पोटेशियम से भरपूर भोजन शरीर से अतिरिक्त सोडियम को निकालता है। यह प्रक्रिया शरीर के रक्तचाप को कम करने में मदद करती है।
सोयाबीन में पोटेशियम की अच्छी मात्रा होती है इसलिए, यदि आप उच्च बीपी से पीड़ित हैं, तो आप सोयाबीन का उपयोग पोटैशियम की कमी पूरी करने के लिए कर सकते हैं। इसके सेवन के लिए कम नमक के साथ भुने सोयाबीन का रोजाना 8 हफ्तों तक सेवन करें। इससे हाई बीपी को नियंत्रण करने में मदद मिलेगी।
सोयाबीन दिमाग से सम्बंधित परेशानियां, मिर्गी, याददाश्त कमजोर होना, सूखा रोग, और फेफड़ो से संबंधित बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। इसके लिए सोयाबीन के आटे का उपयोग करें। सोयाबीन के आटे में मौजूद लेसितिण नामक पदार्थ इन सभी बीमारियों को दूर करने में मदद करती हैं।
सोयाबीन शरीर के विकास में मदद करता है। यह त्वचा, मांसपेशियां, नाखून, बाल के विकास में मदद करता है। इसके अतिरिक्त यह फेफड़ों, हृदय, शरीर के आंतरिक भागो की रचना में भी मदद करता है।
शरीर को कई प्रकार के कैंसर जैसे हृदय कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर आदि से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा सोयाबीन के बीज को खाने से त्वचा का रंग साफ होता है। त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए इसका हाइड्रेटेड रहना जरूरी होता है। सोयाबीन त्वचा के लिए एक मॉइस्चराइजर का काम करती है और यह सूखी त्वचा से छुटकारा पाने के लिए भी उपयोगी है।
यदि आपकी त्वचा तेलीय है, तो आप अपनी त्वचा से अतिरिक्त तेल को हटाने के लिए भी सोयाबीन का उपयोग कर सकते हैं। शारीरिक विकास, कब्ज और कई प्रकार की बीमारियां भी दूर होती है।
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