Benefits Of Todari : तोदरी का इस्तेमाल आयुर्वेद में अलग-अलग तरीके से किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे की आखिर तोदरी है क्या तो हम आपको बता दें ये एक पीले बीज वाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है। हालांकि, यह दो अन्य रंगों में भी मिलती है, लेकिन पीले रंग वाली तोदरी का इस्तेमाल अधिक किया जाता है। हमारे लिए तोदरी कई तरह से काम आ सकती है। खासकर जो लोग बीमारियों से ग्रसित है उनके लिए तो तोदरी वरदान साबित हो सकती है। तो आईए जानते है तोदरी क्या है और इसका उपयोग करने के फायदे।
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तोदरी सफेद, लाल और पीले बीजों के आधार पर यह तीन प्रकार की होती है। पीले बीज वाली तोदरी गुणों में सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह ऊँचा, लघु आकारीय कांटा वाला, शाकीय पौधा होता है। इसके पत्ते लंबे तथा संकीर्ण होते हैं। इसके फूल उभयलिंगी, छोटे, सफेद रंग के सहपत्र रहित, बाह्यदल लम्बे, दल 1-1.5 मिमी लम्बे होते हैं। इसके बीज मसूर के दाने के समान, किन्तु बहुत छोटे तथा चपटे लम्बे, शीर्ष पर पक्षयुक्त होते हैं। बीजों को पानी में भिगाने से लुआब उत्पन्न होता है। इसकी फलियां बहुत छोटी होती हैं। इसका पुष्पकाल अप्रैल से अगस्त तक होता है।
पेशाब से खून निकलने पर यदि कोई इलाज काम नहीं आ रहा है तो तोदरी पञ्चाङ्ग का फाण्ट या काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से रक्तमेह में लाभ होता है।
तोदरी दस्त से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। दस्त होने पर इसका काढ़ा बनाकर पिएं। तोदरी का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली मात्रा में सेवन करने से आपको लाभ मिलेगा। साथ ही दस्त में होने वाली कमजोरी दूर हो जाएगी।
यूरीन की समस्याओं को दूर करने में भी यह फायदेमंद है। इसके साथ शरीर में होने वाली खून की कमी से राहत दिलाने में भी यह फायदेमंद हो सकता है। अगर आपके शरीर में आयरन की कमी है, तो तोदरी काढ़ा बनाकर नियमित रूप से 10-20 मिली का सेवन करें। इससे शरीर में रक्त की कमी दूर होगी।
बहुत सी लड़कियों को ब्रेस्ट साइज कम होने की शिकायत होती है। अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ है, तो ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने में तोदरी कारगार साबित हो सकती है। ब्रेस्ट की साइज बढ़ाने के लिए 2-3 ग्राम तोदरी चूर्ण के साथ समान मात्रा में शतावरी चूर्ण लें। इस मिश्रण को गर्म दूध के साथ सेवन करें। इससे आपकी ब्रेस्ट साइज बढ़ेगी।
गठिया रोगियों के लिए तोदरी काफी फायदेमंद होता है। इससे आपको गठिया में होने वाले दर्द से राहत मिल सकती है। गठिया की परेशानियों से राहत पाने के लिए तोदरी के फूलों को आॅलिव आॅयल में पकाएं। इस तेल को छान लें। अब इस तेल से प्रभावित हिस्से पर मालिश करें। इससे आपको काफी राहत मिलेगा।
अस्थमा रोगियों के लिए तोदरी असरकारी साबित हो सकता है। अस्थमा के रोगियों को तोदरी का बीज दें। यह उनकी परेशानी दूर करेगी। नियमित रूप से अस्थमा रोगियों को 10-20 मिली ग्राम तोदरी के बीजों का सेवन कराएं। इससे अस्थमा की परेशानी से राहत मिलेगी।
अगर आप शारीरिक रूप से कमजोर हैं, तो तोदरी के बीजों का इस्तेमाल करें। इसके लिए 2-3 ग्राम तोदरी चूर्ण लें। इसमें समान मात्रा में मिश्री मिलाएं। अब इस मिश्रण का सेवन 1 गिलास दूध के साथ करें। इससे आपके शरीर की सारी कमजोरी दूर होगी।
जोड़ों में होने वाले दर्द से राहत दिलाने में तोदरी फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए तोदरी के कुछ पत्ते लें। इसमें नीम के 2-4 फल, अर्क के पत्ते मिलाएं। अब इन्हें तिल के तेल या फिर जैतून के तेल में भूरा होने तक पकाएं। ठंडा होने पर इसे छान लें और एक कांच की शीशी में रखें। जोड़ों में दर्द होने पर इससे मालिश करें।
सूजन को कम करने में लाभकारी होती है तोदरी, सूजन को कम करने के लिए तोदरी को पीसकर लेप करने से सूजन और घाव को ठीक करने में मदद मिलती है।
Benefits Of Todari
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