इंडिया न्यूज़, Ambala : बिजी लाइफस्टाइल के चलते लोग गुस्से का शिकार होते जा रहे हैं। गुस्से और तनाव का असर आपकी सेहत पर भी पड़ता है। इसलिए जरूरी है गुस्से से बचना, कई लोगों के लिए गुस्सा कंट्रोल करना इतना आसान नहीं होता, इसके लिए आप कुछ खास योगासनों का सहारा ले सकते हैं। जो बॉडी और माइंड दोनों को शांत करते हैं और आपको हेल्दी भी रखते हैं।
गुस्से के कारण लोगों के रिश्तों में भी अनबन होने लगती है।ऐसे में जरूरी है कि गुस्से को कंट्रोल किया जाए। गुस्से को कंट्रोल करने के लिए हम आपको कुछ योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनके नियमित अभ्यास से आप अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं। तो आइए जानते हैं इन योगासनों के बारे में-
गुस्सा कंट्रोल करने के लिए ये बहुत ही अच्छा आसन है। थोड़ी देर बस इस आसन में बैठें और ध्यान लगाने की कोशिश करें, इससे दिमाग शांत होता है।
किसी भी आरामदायक और शांत जगह में पालथी मारकर बैठ जाएं। आंखें बंद करें। गहरी सांस लें और छोड़ें। कम से कम 60 सेकेंड तक ऐसे करना है। आप महसूस करेंगे कि गुस्सा धीरे-धीरे शांत हो रहा है। न सिर्फ गुस्सा इस आसन से स्ट्रेस और घबराहट की समस्या भी दूर होती है।
इस आसन को मोची आसन एवं तितली आसन के नाम से भी जाना जाता है। यह आसन करना आसान है और सभी के लिए उपयुक्त है। बधा कोणासन कमर और भीतरी जांघों को फैलाता है। यह अक्सर घुटनों, टखनों, पैरों और कूल्हों के लचीलेपन के लिए वास्तव में सहायक आसन होता है। लचीलेपन से हमारे पीठ के मसलस को मजबूती प्रदान करता हैं और मन को शांति प्रदान करता हैं।
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3. ध्यान – गुस्से पर नियंत्रण के लिए सबसे प्रभावी योग है ध्यान। इसके लिए आरामदेह आसन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर गहरी सांस लें। महसूस करें कि सांस आपकी नाक के नथुनों से होकर आपके फेफड़ों तक जा रही है। तकरीबन 9 – 10 बार यही प्रक्रिया दुहराएं। नियमित रूप से इस आसन को करने से गुस्से को शांत करने में मदद मिलती है।
4. उनमामी मुद्रा- इसे करने से गुस्से को शांत किया जा सकता है। इस आसन को करने के लिए पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अपना सारा ध्यान अपनी भौंहों के बीच में केंद्रित करें। इस आसन को सकरते समय दिमाग में कोई और ख्याल ना आने दें।
बहुत ही सरल है इस आसन को करना और इससे गुस्से पर भी काफी हद तक काबू पाया जा सकता है। बालासन दिमाग को शांत करने के साथ ही शरीर को लचीला भी बनाता है।
व्रजासन यानी अपने पैरों को मोड़ते हुए पिंडलियों पर बैठें। अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाएं और सिर को मैट से छूने की कोशिश करें। इस पोजीशन में कम से कम 3-5 सेकेंड होल्ड करें। फिर सांस भरते हुए वापस बैठ जाएं।
इस आसन को करने से शरीर को लचीलापन प्रदान करता हैं। मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव, चिंता और को दूर करने में मदद करता है। जिगर और गुर्दे को उत्तेजित करता है। जांघों को मजबूत करता है, पाचन में सुधार करता है। रजोनिवृत्ति के लक्षणों को दूर करने में मदद करता है। सिरदर्द और अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है।
7. रस्सी कूद – रस्सी कूदना भी तनाव दूर करने का अच्छा तरीका है। इससे आपका दिल स्वस्थ रहता है और रक्त प्रवाह बेहतर बना रहता है। इस वजह से तनाव भी काफी कम हो जाता है। गुस्सा शांत करने का यह तरीका भी काफी कारगर है।
8. सेपना मुद्रा– इस आसन को करने से तनाव कम होता है। इस आसन को करने के लिए अपने हाथेलियों को एक साथ रखें। ध्यान रहे कि आपकी पांचो उगुलियां एक-दूसरे से जुड़ी होनी चाहिए। अब अपनी तर्जनी उंगली को एक साथ रखें और अन्य सभी उंगलियों को मोड़कर आपस में बांध लें।
उष्ट्रासन की मदद से भी आप गुस्से को कर सकते हैं कंट्रोल। इसके साथ ही ये कमर दर्द और पेट कम करने के लिए भी बेहतरीन एक्सरसाइज है।
घुटने के बल बैठ जाएं। अब पीछे झुकते हुए हाथों से अपने पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत होगी लेकिन लगातार अभ्यास से इसे करना आसान हो जाएगा।
ये पूरी तरह से हाथों पर संतुलन का आसन है, जो सीधे कलाई, ट्राइसेप, कंधे एवं रीढ़ को लक्षित करता हैं। हिप्स और हैमस्ट्रिंग को लचीलापन प्रदान करता हैं। इस आसन के अभ्यास से मन शांत और तनाव मुक्त होता है। वशिष्ठासन हार्ट चक्र को सक्रिय करने के लिए जाना जाता है। यह आसन एक शक्तिशाली आसन है जो आंतरिक शक्ति को विकसित करने में भी मदद करता है।
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11. सर्वांगासन – सर्वांगासन गुस्से को नियंत्रित करने के लिए एक बेहतर आसन है। इसे करने के लिए सबसे पहले अपने हाथ और पैर सीधा कर जमीन पर लेट जाएं और गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों पैरों को सीधे ऊपर की ओर उठाएं। अपने हिप्स को ऊपर उठाते हुए पैरों को सीधा करें और बाद में सिर की ओर 45 डिग्री का कोण बनाने की कोशिश करें। सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा दें। इस स्थिति में अंगूठे शरीर के अगले हिस्से और बाकी उंगलियां पीठ पर होनी चाहिए। पैरों को ऊपर की ओर उठाएं। इस आसन के दौरान मन को बिल्कुल शांत रखें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पहले की स्थिति में लौट आएं।
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