India News Haryana (इंडिया न्यूज), E-cigarettes vs Smoking: वेपिंग को अक्सर सिगरेट पीने से कम हानिकारक माना जाता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। ई-सिगरेट, जो वेपिंग के लिए उपयोग की जाती है, में कम विषैले रसायन होते हैं, लेकिन इनमें कुछ ऐसे रसायन भी होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं। इसके दुष्प्रभावों में गले और मुंह में जलन, सिरदर्द, खांसी, और बीमार महसूस होने जैसी समस्याएं शामिल हैं।
वेपिंग का सबसे बड़ा खतरा इसके दीर्घकालिक प्रभावों से जुड़ा है, जिनका पूरा अंदाजा अभी तक नहीं लगाया जा सका है। कुछ शोधों के अनुसार, वेपिंग से फेफड़ों की बीमारियां और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, बच्चों और युवाओं के बीच वेपिंग की आदत बढ़ रही है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।
ई-सिगरेट, विशेष रूप से JUUL जैसे उपकरण, युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, और इनमें उच्च मात्रा में निकोटीन पाया जाता है, जो अत्यधिक नशे की लत का कारण बन सकता है। इसके स्वाद में भी फल और अन्य आकर्षक फ्लेवर होते हैं, जो इसे और अधिक आकर्षक बनाते हैं, लेकिन यह जोखिम को और बढ़ा देता है।
ई-सिगरेट के इस्तेमाल से जुड़ी एक गंभीर बीमारी EVALI (E-cigarette or Vaping Associated Lung Injury) है, जिससे फेफड़ों को गंभीर नुकसान होता है। सीडीसी के अनुसार, 2020 तक इस बीमारी के कारण 68 लोगों की मौत हो चुकी थी।
ई-सिगरेट का उद्देश्य केवल धूम्रपान छोड़ने में मदद करना होना चाहिए, लेकिन यदि आपने कभी सिगरेट नहीं पी है, तो आपको इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। वेपिंग और ई-सिगरेट का उपयोग स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है, और इसके दीर्घकालिक परिणामों को लेकर अभी और अधिक शोध की आवश्यकता है।