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शुगर होने का क्या है कारण? लक्षण और कण्ट्रोल करने के आसान उपाय

PUBLISHED BY: • LAST UPDATED : July 4, 2022

इंडिया न्यूज, Haryana News: शुगर की बीमारी को कुछ लोग डायबिटीज़, कुछ मधुमेह, कुछ शकरा की बीमारी के नाम से जानते हैं। डायबिटीज़ की बीमारी को लोग बहुत हल्के में लेते हैं । जबकि यह एक जानलेवा बीमारी है । लोगों को यह तक पता नहीं होता कि यह एक बहुत गंभीर रोग है जिसकी वजह से सबसे ज्यादा जान जाने का खतरा होता है। भारत में लगभग 70% से 75 % लोग डायबिटीज़ की बीमारी से ग्रसित हैं ।

आपने अक्सर देखा होगा की कई लोग खाना खाने से पहले शुगर की दवा का सेवन करते हैं और इस बीमारी का शिकार हुए लोग इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं । इंसुलिन का इंजेक्शन लेने वाले लोगों से यदि जरा सी भी चूक हो जाये तो वह समय पर खाना न खाएं या इंजेक्शन न लें तो यह उनकी मौत का कारण बन जाता है ।

तो आइए विस्तार से जानते हैं आखिर किस तरह बढ़े हुए ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है –

मधुमेह (डायबिटीज, शुगर) के लक्षण और कण्ट्रोल करने के उपाय

• हमेशा थका महसूस करना
• वजन बढ़ना या कम होना
• मुंह का बार बार सुखना
• संक्रमण के प्रति शरीर का ज्यादा संवेदनशील होना
• आँखों से जुड़ी परेशानी होना , आँखों का धुंधला होने लगना
• शरीर पर कोई भी घाव लगने पर जल्द ठीक ना होना
• घाव का पकने लगाना
• महिलाओं में बार बार केंडिड इन्फेक्शन होना

• ब्लड में अतिरिक्त शर्करा से तंत्रिका क्षतिग्रस्त हो सकता है। व्यक्ति अपने हाथ और पैरों में झनझनाहट महसूस करता है साथ ही हाथ-पैरों में दर्द एवं जलन हो सकती है। जिसे बार बार हाथ पैर सुन्न भी हो सकते हैं ।

• डायबिटीज में व्यक्ति की संक्रमण से लड़ने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है जिससे मसूड़ों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और मसूड़े कमजोर होकर दाँत ढीले हो सकते है। मुंह से बदबू आने की परेशानी का भी खतरा रहता है ।

वैसे तो मधुमेह 4 प्रकार का होता है पर ज़्यादातर लोग या तो हाई ब्लड शुगर या लो ब्लड शुगर से ही ग्रसित होते हैं । इस बीमारी की कोई दवा नहीं है । जो दवा इस बीमारी में दी जाती है वह आपके इंसुलिन को नियंत्रित करने के लिए दी जाती है । आप इस बीमारी से राहत कुछ आसान घरेलू उपायों के जरिये भी पा सकते हैं । इसके लिए आपको कोई दवा का सेवन नहीं करना होगा ।

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शुगर को कम करने के घरेलू उपाय

1. 6 बेलपत्र, 6 नीम के पत्ते, 6 तुलसी के पत्ते, 6 बैगनबेलिया के हरे पत्ते, 3 साबुत कालीमिर्च पीसकर खाली पेट, पानी के साथ लेने से डायबीटीज पर कन्ट्रोल किया जा सकता है। ध्यान रहे, इसे पीने के बाद कम से कम आधे घंटे तक कुछ भी न खाएं।

2. आंवला :- 10 मिलीग्राम आंवले के जूस को 2 ग्राम हल्दी के पाउडर में मिलाकर सेवन सरने से डायबीटीज पर नियंत्रण पाया जा सकता है। इस घोल को दिन में दो बार लीजिए।

3. तुलसी :- तुलसी की पत्त‍ियों में एंटी-ऑक्सीडेंट,एंटीबायोटिक , एंटीबैक्टीरियल , एंटीएजिंग,एंटीफ़ंगल गुण पाए जाते हैं। जिनसे इजिनॉल, मेथिल इजिनॉल और कैरियोफ़ैलिन बनते हैं। ये सारे तत्व मिलकर इन्सुलिन जमा करने वाली और छोड़ने वाली कोशिकाओं को ठीक से काम करने में मदद करते हैं। इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं। ये सेल्स इंसुलिन के स्त्राव को बढ़ाती हैं।

सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं,या फिर आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं । इससे आपका ब्लड शुगर नियंत्रण में आ जाएगा । तुलसी के सेवन के साथ में यदि आप शुगर को कम करने वाली दवाओं का सेवन कर रहे हैं तो ध्यान रखें और डॉक्टर्स से परामर्श जरूर लें । क्योंकि शुगर को तेजी से कम करने का काम करती है।

4. अमलतास:- अमलतास की कुछ पत्तियाँ धोकर उनका रस निकालें। इसका एक चौथाई कप प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से शुगर के इलाज में फायदा मिलता है।

5. ग्रीन टी :- ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है। ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है। जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार है। प्रतिदिन सुबह और शाम ग्रीन टी पीने से फायदा होगा ।

6. सौंफ :- नियमित तौर पर भोजन के बाद सौंफ का सेवन करें । सौंफ खाने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है। शुगर के रोगियों को इन घरेलू उपायों को अपनाने के साथ साथ परहेज का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

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7. जामुन :- जामुन के सीजन में जामुन को काला नमक लगा कर खाना डायबिटीज़ की बीमारी को कम करने में सहायक होता है । इसके अलावा जामुन की गुठली को सूखा कर उसको पीस कर चूर्ण बना लें और सुबह शाम हल्के गरम पानी के साथ 2 -2 चम्मच सेवन करने से आपको डायबिटीज़ की बीमारी में बहुत फायदा होगा ।

8. सहजन :- सहजन जिसको ज़्यादातर लोग ड्रमस्टिक्स के नाम से भी जानते हैं । यह दक्षिण भारत के भोजन में काम आती है और साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं में काम आती है । सहजन की फली का सेवन और या फिर सहजन की पत्तियों के रस का सेवन भी डायबिटीज़ की परेशानी को कम करने में सहयोगी होता है ।

9. शलगम :- शलगम को सलाद के रुप में या सब्जी बनाकर खाएँ। शुगर के इलाज के दौरान शलजम का सेवन काफी फायदेमंद होता है।

10. अलसी :- अलसी प्रतिदिन सुबह खाली पेट अलसी का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने से डायबीटीज को कम किया जा सकता है। अलसी में फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिसके कारण यह फैट और शुगर का उचित अवशोषण करने में सहायक होता है। अलसी के बीज डाइबीटीज़ के मरीज़ की भोजन के बाद की शुगर को लगभग 28 प्रतिशत तक कम कर देते हैं।

11. करेले का रस :- रोजाना सुबह में करेले के रस का सेवन करना या करेले की सब्जी का सेवन करना भी डायबिटीज़ की बीमारी को नियंत्रित करने का काम करता है ।

12. मेथी :-  मेथी के दानें को रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में डालकर रख दें। सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पिएँ और मेथी के दानों को चबा लें। नियमित रुप से इसका सेवन करने से डायबिटीज नियंत्रण में रहता है।

13. एलोवीरा :- आंवले के रस में एलोवीरा का जूस मिला कर सुबह में सेवन करने से भी डायबिटीज़ की बीमारी में बहुत फायदा मिलता है ।

14. दालचीनी :- रक्त में शुगर के स्तर को कम रखने के लिए एक महीने तक अपने प्रतिदिन के आहार में एक ग्राम दालचीनी का प्रयोग करें। दालचीनी का इस्तेमाल आप शुगर की घरेलू दवा के रूप में कर सकते हैं।

15. आम के पत्ते :-  शुगर का स्तर कम करने के लिए आम के पत्तों का भी इस्तेमाल बहुत अच्छा होता है । रात भर 10-15 आम के पत्तों को 1 ग्लास पानी में भिगो कर रख दें और सुबह उस पानी का सेवन करें । यह डायबिटीज़ को कम करने में मददगार साबित होता है ।

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डॉक्टर्स के पास जाने की कब पड़ती है जरूरत :-

डॉक्टर के पास जाने पर वह टेस्ट करने की सलाह देते है और रिपोर्ट आने पर ही इलाज निर्धारित करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी बिना डॉक्टर की सलाह लिए शुगर की दवा का सेवन ना करें। यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है ।

डायबिटीज़ के टेस्ट दो होते हैं एक फास्टिंग यानि की खाली पेट और एक खाना खाने के बाद । खाना खाने के बाद वाले किए गए शुगर टेस्ट में यदि शुगर की मात्रा बढ़ी हुई आती है तब फास्टिंग टेस्ट पर बहुत ज्यादा ध्यान दिया जाता है । फास्टिंग टेस्ट में यदि शुगर ज्यादा आती है तो यह गंभीर बात है ।

आपको डॉक्टर्स से परामर्श की बहुत आवश्यकता है साथ ही आपको सेहत का ध्यान रखने कि भी आवश्यकता है। आपको खानपान को लेकर बहुत भी ध्यान रखना चाहिए । आपका फास्टिंग शुगर सामान्य या उससे कम आता है तो आपको बहुत अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

बस अपने खानपान पर थोड़ा नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी । समय –  समय पर अपनी स्वास्थ्य की जांच करवाते रहें। खास कर प्रेग्नेंसी और 40 की उम्र के बाद अपनी स्वास्थ्य जांच करना नियमित रखें ।

कैसे करें बचाव

आप इस स्थिति में कितना ही सतर्क क्यों न हो। यह स्थिति डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी आम है। अगर रक्त शर्करा का स्तर अधिक न हो और इसका समय पर पता चल जाए, तो इसे नियंत्रित किया जा सकता हैं। इसके अलावा रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित रखने के लिए समय पर दवाओं का सेवन करें और समय – समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाते रहें।

Conclusion : रक्त ग्लूकोज प्रबंधन में मदद करने के लिए एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉक्टर मधुमेह और अंतःस्रावी तंत्र के अन्य रोगों का इलाज करते है वे विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। शुगर कण्ट्रोल करने के लिए दिए गए उपचार को फॉलो करें और शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सके।

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