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Get These 5 Tests Done to Be Safe From Heart Attack : हार्ट अटैक से सुरक्षित रहने के लिए करवाएं ये 5 टेस्ट
मौजूदा वक्त में हार्ट अटैक सबसे ज्यादा लोगों को शिकार बनाने वाली आम हेल्थ प्रॉब्लम बन चुकी है। जैसा कि हम जानते हैं कि मात्र 40 कि उम्र में बिग बॉस फेम एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला का हार्ट अटैक से निधन हो गया। इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक से मौत होना किसी भी व्यक्ति के परिवार के लिए सदमे से कम नहीं है। अगर डॉक्टर्स कि मानें तो 40 साल कि उम्र में शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं, जिनपर ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। तो आइए जानते हैं हम कुछ जरूरी टेस्ट, जिन्हें करवाकर आप हार्ट अटैक के खतरे को बच सकते हैं।
कार्डिएक स्ट्रेस टेस्ट
इस टेस्ट की मदद से आपके दिल में ब्लड कि आपूर्ति पूरी तरह से पहुंच रही है या नहीं इसका पता लगाया जाता है। इस टेस्ट के जरिए दिल कि धड़कन कि जांच, हृदय गति, थकान और हार्ट एक्टिविटी जैसी चीजों का पता बड़ी आसानी से लगाया जा सकता है। अगर आपको चेस्ट पेन, कमजोरी का अहसास या सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो आपको यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए।
लिपिड प्रोफाइल या कोलेस्ट्रॉल टेस्ट
ये दूसरा टेस्ट है, जिसकी आपको सख्त जरूरत है वो है लिपिड प्रोफाइल यानी की कोलेस्ट्रॉल टेस्ट। इस टेस्ट के माध्यम से आपके ब्लड में लिपिड प्रोटीन या कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का पता चलता है। इस टेस्ट में आपके रक्त के भीतर मौजूद 4 तरह के लिपिड की जांच की जाती है। खराब कोलेस्ट्रॉल यानी की एलडीएल के बढ़ने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग जरूरी
हाई ब्लड प्रेशर किसी भी व्यक्ति के लिए हानिकारक होता है। 40 कि उम्र के बाद से हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति आपके लिए जानलेवा और खतरनाक हो सकती हैं क्योंकि यह सीधे आपके कोरोनरी धमीनियों को प्रभावित करता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक दोनों का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। इसलिए 40 के बाद समय पर ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग कराते रहना आपके लिए जरूरी माना जाता है।
ब्लड शुगर टेस्ट
टेस्ट है ब्लड शुगर, डायबिटीज को बहुत सारी बीमारियों का कारण माना जाता है, जिसमें सबसे ज्यादा खतरा हार्ट अटैक का होता है और ब्लड शुगर का बढ़ना निश्चित रूप से हार्ट अटैक का एक मुख्य कारण यह हो सकता है। डायबिटीज रोगियों के दिल से जुड़ी बीमारियों से मरने का खतरा 2 से 4 गुना तक बढ़ जाता है। दरअसल, ब्लड शुगर जब अचानक बढ़ जाता है तो यह रक्त वाहिकाओं को नुक्सान पंहुचाने लगता है, जिससे न सिर्फ हार्ट को बल्कि हमारी किडनी को भी नुकॉसान पहुंचता है गुर्दों के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए 40 कि उम्र के बाद ब्लड शुगर टेस्ट करना न भूलें।
कोलोनोस्कोपी कराएं
आपकी उम्र 40-50 के बीच है, और कभी डॉक्टर के पास गए होंगे तो डॉक्टर ने आपको एक बार जरूर कोलोनोस्कोपी कराने की सलाह जरूर दी होगी।
कोलोनोस्कोपी की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जिनकी फैमिली में कोलोन कैंसर का इतिहास रहा होता है या फिर वे इंफ्लेमेट्री बाउल डिसआर्डर से जूझ रहे होते हैं। इस कैंसर के लक्षण का पता शुरूआती स्टेज में ही लगाया जा सकता है, जिससे आपकी जान बचाने में मदद मिल सकती है।
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