India News Haryana (इंडिया न्यूज),Influenza: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही इन्फ्लूएंजा यानी फ्लू के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं। इन्फ्लूएंजा एक वायरल इंफेक्शन है, जो मुख्य रूप से सांस की नली को प्रभावित करता है। यह वायरस हल्के से गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है और खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
इन्फ्लूएंजा के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, गले में खराश, खांसी, नाक का बंद होना, थकान और मांसपेशियों में दर्द शामिल हैं। इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ करना भारी पड़ सकता है। फ्लू के लक्षण अक्सर COVID-19 और रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) जैसे अन्य श्वसन संक्रमणों से मिलते-जुलते हैं। ऐसे में सही समय पर जांच कराना और विशेषज्ञ से सलाह लेना बेहद जरूरी है।
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इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए कुछ प्रमुख कदम उठाए जा सकते हैं, हर साल फ्लू का टीका लगवाना सबसे प्रभावी तरीका है। यह वायरस से बचाव में मदद करता है।फ्लू के लक्षणों के पहले 48 घंटों के भीतर एंटीवायरल दवाएं शुरू करना सबसे असरदार होता है। हाथों की सफाई और मास्क का उपयोग फ्लू के वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करता है। सर्दियों में घर के अंदर वायरस फैलने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसे में सावधानी बरतें।
ठंड के मौसम में इन्फ्लूएंजा का खतरा बच्चों और बुजुर्गों के लिए सबसे ज्यादा होता है। कमजोर इम्युनिटी के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है। इसीलिए नियमित टीकाकरण और रोकथाम के उपायों पर ध्यान देना अनिवार्य है। सर्दियों के मौसम में इन्फ्लूएंजा का प्रकोप बढ़ना आम बात है, लेकिन जागरूकता और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। समय पर टीकाकरण, व्यक्तिगत स्वच्छता और सावधानी बरतकर आप और आपका परिवार इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं।
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