इंडिया न्यूज़, Ambala : आज कल कम उम्र में ही लोग दिल की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। ये खराब लाइफस्टाइल, डाइट और स्ट्रेस की वजह से होता है। लेकिन हर बार दिल की बीमारियों का कारण ये तीन चीजें नहीं होतीं। मुख्य रूप से चार ब्लड ग्रुप होते हैं। ए, बी, एबी और ओ। आपका ब्लड ग्रुप आपके माता-पिता से विरासत में मिले जीन से निर्धारित होता है। हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोध के अनुसार, दिल की बीमारियां और खास कर कि हार्ट अटैक का खतरा कुछ खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों में ज्यादा होता है।
अध्ययन में, वरिष्ठ लेखक और सहायक प्रोफेसर, लू क्यूई – और उनके सहयोगियों ने ब्लड ग्रुप और दिल की बीमारियों के विषय में कहा कि, किसी और ब्लड ग्रुप की तुलना में ए, बी या एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि ब्लड ग्रुप एबी होना सबसे ज्यादा जोखिम भरा होता है, क्योंकि इस ब्लड ग्रुप के लोग दिल की बीमारियों की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, टाइप ए, टाइप बी या टाइप एबी ब्लड वाले लोगों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। ओ टाइप वाले लोगों में इन लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा बहुत कम होता है। एक अध्ययन में पाया गया कि ए या बी प्रकार में दिल का दौरा पड़ने का 8% जोखिम है तो हार्ट फेलियर का जोखिम 10% है। शोधकर्ताओं ने पाया कि एबी ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोग होने की संभावना दूसरों की तुलना में 23% अधिक थी।
दो लंबे समय से चल रहे शोध अध्ययनों में 20 वर्षों की अवधि में करीब 89,550 वयस्क शामिल थे। डेटा से पता चला कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप AB था, उनमें अन्य लोगों की तुलना में दिल की बीमारी विकसित होने की संभावना 23 प्रतिशत अधिक थी। जिन लोगों का ब्लड टाइप बी था, उनमें 11 प्रतिशत और टाइप ए ब्लड वाले लोगों में पांच प्रतिशत दिल की बीमारियों का खतरा था।
आपका ब्लड ग्रुप इस बारे में बताता है कि आपके शरीर का खून कितना गाढ़ा है और ये क्लॉटिंग का कारणबन सकता है या नहीं। इस हिसाब से टाइप ए और टाइप बी ब्लड में मौजूद प्रोटीन नसों और धमनियों में अधिक ब्लॉकेज का कारण बन सकता है। इसके अलावा इन दोनों ही ब्लड ग्रुप में ब्लड क्लोटिंग और हृदय रोग का खतरा भी ज्यादा है।
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शोधकर्ताओं ने पाया है कि ब्लड ग्रुप O में दिल की बीमारियों का खतरा कम रहता है। O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को पेट के कैंसर का भी खतरा कम होता है। दूसरी ओर, टाइप ए ब्लड वाले लोगों को पेट का कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि एच पाइलोरी इंफेक्शन, (एक बैक्टीरिया जो आमतौर पर पेट में पाया जाता है) टाइप ए रक्त वाले लोगों में इसका खतरा आम होता है। यह बैक्टीरिया सूजन और अल्सर पैदा कर सकता है।
जिन लोगों का Blood group AB है, उनमें मेमोरी प्रॉब्लम्स का खतरा अधिक होता है, शोधकर्ताओं कि माने तो , A रक्त प्रकार वाले लोगों में तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का खतरा ज्यादा हो सकता है।
O रक्त प्रकार वाले लोगों को हृदय रोग और रक्त के थक्के जमने का जोखिम थोड़ा कम होता है, लेकिन वे रक्तस्राव या ब्लीडिंग डिसऑर्डर के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं। चोट आदि लगने के बाद टाइप ओ वाले लोगों में बाकी ब्लड ग्रुप वालों की तुलना ज्यादा ब्लीडिंग होती है।
एक अन्य शोध में पाया गया कि टाइप एबी वाले लोगों में ओ टाइप वाले लोगों की तुलना में संज्ञानात्मक हानि के लिए जोखिम बढ़ सकता है। संज्ञानात्मक हानि में याद रखने, ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में परेशानी जैसी चीजें शामिल हैं। इसलिए इन तमाम ब्लड ग्रुप वाले लोगों को इस बार में जानना चाहिए और इन बीमारियों को जोखिम कारकों से बचना चाहिए।
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