India News Haryana (इंडिया न्यूज), Walking Pneumonia: वॉकिंग निमोनिया एक प्रकार का फेफड़ों से जुड़ा संक्रमण है जो सामान्यत: माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया बैक्टीरिया के कारण होता है। हालांकि, यह अन्य बैक्टीरिया और वायरस के कारण भी हो सकता है। इस बीमारी को “वॉकिंग निमोनिया” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसके शिकार व्यक्ति को ज्यादातर इतना बुरा महसूस नहीं होता कि वह बिस्तर से न उठ सके। हालांकि, फिर भी उन्हें इलाज की जरूरत होती है, क्योंकि बिना उपचार के यह स्थिति गंभीर हो सकती है।
वॉकिंग निमोनिया के लक्षण धीरे-धीरे उत्पन्न हो सकते हैं और कई बार शुरुआत में यह सामान्य सर्दी-खांसी जैसा महसूस होता है। इसके प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
– हल्का बुखार (38.5°C तक)
– खांसी, जो कई हफ्तों तक रह सकती है
– थकान और कमजोरी महसूस होना
– गले में खराश, सिरदर्द, और सर्दी-खांसी जैसे अन्य फ्लू जैसे लक्षण
– सांस लेने में कठिनाई, घुरघुराहट या घरघराहट की आवाज
– छाती और पेट में दर्द, उल्टी, और भूख न लगना
– कान में दर्द और जोड़ों में दर्द
– कुछ बच्चों में चकत्ते भी दिख सकते हैं
यह बीमारी तब होती है जब फेफड़ों में संक्रमण फैलता है, और यह स्थान के आधार पर विभिन्न लक्षण उत्पन्न कर सकता है। उदाहरण के लिए, यदि संक्रमण फेफड़ों के ऊपरी हिस्से में है तो सांस लेने में समस्या हो सकती है, जबकि निचले हिस्से में संक्रमण होने पर पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आपको वॉकिंग निमोनिया के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। एंटीबायोटिक उपचार से यह बीमारी ठीक हो सकती है, लेकिन इलाज शुरू करने से पहले आराम और देखभाल जरूरी है। डॉक्टर की सलाह अनुसार घर पर रहकर इलाज करना सबसे अच्छा तरीका है।