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Japan Earthquake : भूकंप ने मचाई तबाही, इतना हुआ जान-माल का नुकसान

BY: • LAST UPDATED : January 2, 2024
  • 200 इमारतें आग लगने के कारण खाक

India News (इंडिया न्यूज़), Japan Earthquake, टोक्यो : जापान में आए भूकंप ने काफी तबाही की है। अब तक की बात की जाए तो जापान के भूकंप में 30 लोगों की मौत हो चुकी है। भूकंप में 50 आफ्टरशॉक आए हैं वहीं भूकंप के कारण कई इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा। मालूम रहे कि नए साल के दन जापान के इशिकावा में नए 7.2 की तीव्रता का भूकंप आया था।

जानकारी के अनुसार इशिकावा में 200 इमारतें आग लगने के कारण वे खाक हो गई हैं। वहीं 32,500 घरों में बिजली नहीं है। यहां एक और भूकंप की चेतावनी जारी की गई है। भारतीय दूतावास ने भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए इमरजेंसी कंट्रोल रूम बनाया है। सोशल मीडिया प्लटेफॉर्म ‘एक्स’ पर दी गई जानकारी के मुताबिक कोई भी शख्स यहां आकर मदद मांग सकता है। इससे पहले दूतावास ने ई-मेल आईडी और नंबर भी जारी किए थे।

जानिए इतनी तीव्रता का भूकंप है घातक

आज आपको बताते हैं कि रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाला भूकंप माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है। इसमें नाममात्र की ही कंपन होती है। जानने योग्य है कि रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप विश्वभर में प्रतिनिद आते जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है।

ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं। सामान्य तौर पर हम इसे भी महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी में 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं। वहीं अगर इससे अधिक की तीव्रता वाले भूकंप में काफी जान-माल के नुकसान का भय रहता है। ज्ञात रहे कि अभी हाल ही में अफगानिस्तान में 7.4 तीव्रता वाला भूकंप आया था जिस कारण सैकड़ों जिंदगिया खत्म हो गई थी।

इस वजह से आते हैं भूकंप

बता दें कि धरती की मोटी परत, जिसे टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है, वह अपनी जगह से खिसकती रहती है। ये प्लेट्स अमूमन हर साल करीब 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। इस दौरान कभी कोई प्लेट दूसरे प्लेट के करीब आती है तो कोई दूर हो जाती है। इस क्रम में कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती है। ऐसे में ही भूंकप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30 से 50 किलोमीटर तक नीचे हैं।

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