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भूमि पूजन के लिए मोदी की यात्रा का आकर्षक वर्णन

• LAST UPDATED : August 5, 2020

अयोध्या/दिल्ली

ब्यूरो के साथ प्राज्वल गौतम की रिपोर्ट

अयोध्या के नाम मात्र में त्रिदेव का वास है. अकार ब्रह्मा. यकार विष्णु और धकार शिव का वाचक है और इस भूमि पर अवतरित हुए सनातन परंपरा के भगवान श्रीराम ने इस भूमि को अमर कर दिया. उसी भूमि पर भगवान श्री राम का भव्य मंदिर बनने जा रहा है. जिसकी आधारशिला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रखी. नभ में निकले सूर्य ने जब सुबह होने का संकेत दिया तो पूरी अयोध्या चहचहा उठी. एक लंबी प्रतीक्षा के अवसान के आखिरी क्षण आने को आतुर था. गगन से कर रहा था याचना सुधाकर कि शीघ्र जाने की अनुमति दीजिए और दूसरी ओर दिनकर नभ में चमकने को आतुर अयोध्या को अपने प्रकाश से आच्छादित किया तो खिलखिलाने लगी अयोध्या.

पवन ने मस्तक झुका कर दिन का किया स्वागत, इठलाने लगी सरयू की धारा कि आज आई है शुभ घड़ी. अयोध्या की निगाहें निहारने लगीं इंद्रप्रस्थ की राहें कि सदी के नायक जब अयोध्या के लिए रवाना होंगे. तो वो पल वो क्षण स्मृति में संजो कर रखेगा जमाना कि ये दिन ये नक्षत्र ये पल ये क्षण एतिहासिक होगा जब हिंद के प्रमुख सनातन परंपरा के प्रमुख के मंदिर की आधारशिला रखेंगे. इंद्रप्रस्थ भी पूरी तरह तैयार था. हवाई पट्टी पर खडा पुष्पक विमान भी इस सदी के इतिहास में अपने नाम के दर्ज होने का बेसब्री से कर रहा था इंतजार. जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सवार होकर अवध के लिए भरेंगे उड़ान. कंठ से निकलेगा जय श्रीराम. भोर ने चहुंओर खींची प्रकाश की लकीरें. और फिर वो क्षण आ गया जब पीएम मोदी अवध के लिए उडान भरने के लिए एयरपोर्ट पहुंचे.

अमूमन कुर्ता पायजामा पहनने वाले प्रधानमंत्री मोदी आज अपने आराध्य की शरण में जाने को आतुर, पीतांबरी रंग के कुर्ते और सुनहरे रंग की धोती पहने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पुष्पक विमान के करीब पहुंचे. गले में सफेद रंग का शॉल पीएम मोदी ने डाल रखा था. हर पल, हर क्षण स्वयं के होने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा था. दिल्ली से रवाना हुआ वायुसेना का विमान तो कड़ी दर कड़ी जोड़े हर पल दूसरे को सौंप रहा जिम्मेदारी कि तनिक भर देर होने पाए. 500 बरस की प्रतीक्षा का अवसान होने वाला है. शुभ घड़ी करीब है. और फिर करीब 1 घंटे बाद पीएम नरेन्द्र मोदी लखनऊ के हवाईअड्डे पर पहुंचे. जहां पहले से खड़ा हेलीकॉप्टर खुली बांहों से कर रहा था स्वागत-कि मैं हूं बेसब्र. मैं हूं बेताब. सबसे पावन. सबसे पवित्र स्थली पर उतरने के लिए. हेलीकॉप्टर में सवार होकर पीएम मोदी लखनऊ से अयोध्या के लिए हुए रवाना. अयोध्या की धरा से उठी राम नाम की धुन साफ-साफ लखनऊ तक सुनी जा सकती थी.

आसमान ने भी पीएम मोदी के अयोध्या पहुंचने के लिए रास्ता साफ कर दिया कि शुभ घड़ी में होने जा रहे शुभ कार्य का जब-जब हो जिक्र तो हमारे योगदान को भी इतिहास याद रखे. अयोध्या की निगाहें नभ पर टिकी थीं. हर कोई पीएम मोदी वाले पुष्पक विमान की आवाज को सुनने को बेताब था. जब करेंगे अयोध्या का उद्धार और जैसे ही पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर अयोध्या के गगन में करने लगा विचरण तो मानो कली कलिकाएं, पत्थर-पत्थर, कंकर-कंकर, जल और हवाएं, सरयू का घाट, अयोध्या का कण कण मुस्कुराने लगा. खिलखिलाने लगा. खुली बाहों से पीएम मोदी का किया स्वागत. आइए, आपकी प्रतीक्षा थी सदी के नायक. ये आंखे इस शुभ घडी की प्रतीक्षा में कब से थीं. आप आएं हैं तो 500 बरस की इस प्रतीक्षा का अवसान होगा. पीएम मोदी का हेलीकॉप्टर राम की नगरी में उतरा और हेलीकॉप्टर से नीचे उतरते ही पीएम मोदी ने दोनों हाथों को जोड़ कर अयोध्या की धरा को किया वंदन. अभिनंदन.

अयोध्या की धरा पर आते ही पीएम नरेन्द्र मोदी सामान्य हो गए थे. हवाओं ने चारों दिशाओं को किया वंदन. और फिर आगे बढ़ गए पीएम मोदी. जहां से एतिहासिक पल की विधिवत शुरुआत हो चुकी थी, जिसकी प्रतीक्षा अयोध्या को पिछले 500 बरस थी.