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Adani Hindenburg Case Judgment Update : सुप्रीम कोर्ट का SIT जांच से इनकार

India News, (इंडिया न्यूज), Adani Hindenburg Case Judgment Update, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर अपना फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जॉर्ज सोरोस के नेतृत्व वाली ओसीसीआरपी की रिपोर्ट हिंडनबर्ग मामले में पूंजी बाजार नियामक सेबी की जांच पर संदेह करने का आधार नहीं हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जांच को विशेष जांच दल को स्थानांतरित करने का कोई आधार नहीं है।

सेबी को मिला और समय 

सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि सेबी को इस मामले की जांच के लिए 3 महीने का और समय दिया जाता है। गौरतलब है कि 24 में से 22 मामलों की जांच पूरी हो गई है। बाकी बचे 2 मामलों के लिए उच्चतम न्यायालय ने सेबी को 3 महीने का समय और दिया है।

पीठ ने कहा कि  ‘सेबी की जांच में एफपीआई नियमों से जुड़ी कोई अनियमितता नहीं पाई गई है। इस मामले में सीमित अधिकार हैं जिनके बेस पर जांच की गई है। सेबी के रेगुलेटरी ढांचे में प्रवेश करने की इस कोर्ट की शक्ति सीमित है यानी अदालत सेबी के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देगा। सेबी के जांच नियमों में कोई खामी नहीं है और सेबी की बजाए एसआईटी को इस मामले की जांच नहीं सौपी जाएगी।’

सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में दो अहम टिप्पणी की है। जिसमें अदालत ने कहा है कि ‘केवल मीडिया रिपोर्ट्स या खबरों के आधार पर ही भरोसा नही किया जा सकता। एसआईटी को अडानी मामला ट्रांसफर करने का कोई आधार नहीं मिला है। कोर्ट ने कहा है कि अपनी तरफ से निगाह रखने वाली किसी जांच समिति को केस स्थानांतरित करने की जरूरत नहीं मिली है।’

गौतम अडानी को राहत

इस केस पर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय बेंच ने फैसला दिया है। जिसमें कह कि ‘अडानी मामले की जांच को सेबी से लेकर एसआईटी को ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। कोर्ट की ओर से अपनी पिछली सुनवाई में कहा गया था कि ‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर कोई ठोस सबूत नहीं हैं।’ वहीं आज कोर्ट ने अपने फैसले में सेबी की 22 मामलों में की गई अब तक की जांच को सही बताया है। अदालत ने कहा कि ना तो एसआईटी और ना ही सीबीआई को इस मामले की जांच सौंपी जाएगी। जो कि एक तरह से ये सेबी के साथ अडानी समूह के मालिक गौतम अडानी को बड़ी राहत देगी।

क्या है अडानी समूह पर आरोप 

गौरतलब है कि 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि ‘गौतम अडानी और उनके अडानी समूह ने अडानी कंपनियों के शेयरों में गलत तरीके से पैसे इन्वेस्ट कराए हैं। इसके जरिए शेयरों की कीमतों में हेर-फेर करके शेयरधारकों के साथ धोखा किया गया है।’ इस मामले में याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अपनी मांग को अदालत के सामने रखते हुए कहा था कि ‘अडानी कंपनियों के शेयरों में हुए निवेश की जांच के साथ ये भी देखा जाए कि किसे क्या फायदा दिलाया गया।

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Amit Sood

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