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African Cheetah in kuno National Park : भारत में स्थानिक पारिस्थितिकी को नजरअंदाज कर लाए गए चीते : वैज्ञानिक

• LAST UPDATED : April 22, 2023
India News (इंडिया न्यूज), African Cheetah in kuno National Park, नई दिल्ली : अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि अफ्रीकी चीताओं को भारत में लाने का फैसला उनकी स्थानिक पारिस्थितिकी पर विचार किए बगैर लिया गया। उन्होंने आगाह किया कि वन्य क्षेत्र में छोड़े गए चीताओं का पड़ोसी गांवों में लोगों से संघर्ष हो सकता है। स्थानिक पारिस्थितिकी का मतलब किसी प्रजाति की आवाजाही पर किसी स्थान विशेष के मौलिक असर और बहु प्रजाति वाले समुदायों की स्थिरता से होता है।

नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे मध्य प्रदेश

मालूम रहे कि पिछले साल से नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से कुल 20 चीते मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क लाए गए। नामीबिया में लीबनिज-आईजेडडब्ल्यू के ‘चीता रिसर्च प्रोजेक्ट’ के वैज्ञानिकों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका में चीता स्थिर सामाजिक-स्थानिक व्यवस्था में रहते हैं जिनका क्षेत्र व्यापक पैमाने पर फैला होता है और प्रति 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक चीता रहता है।

उन्होंने कहा कि कुनो नेशनल पार्क में चीताओं के लिए योजना में यह माना गया कि शिकार का उच्च घनत्व होने से चीता का उच्च घनत्व बरकरार रहेगा जबकि इसका कोई सबूत नहीं है।

कुनो नेशनल पार्क छोटा…

‘कंजर्वेशन साइंस एंड प्रैक्टिस’ में प्रकाशित एक पत्र में अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि चूंकि कुनो नेशनल पार्क छोटा है तो इसकी संभावना है कि वहां छोड़े गए चीता उद्यान की चारदीवारी के आगे निकलेंगे और इससे पड़ोसी गांवों के लोगों के साथ उनका संघर्ष हो सकता है। कुनो नेशनल पार्क बिना बाड़ वाला करीब 750 वर्ग किलोमीटर वाला जंगली क्षेत्र है।

नामीबिया में चीता के स्थानिक व्यवहार के दीर्घकालीन अध्ययन से मिले नतीजों के आधार पर लीबनिज इंस्टीट्यूट फॉर जू और लीबनिज-आईजेडडब्ल्यू के वैज्ञानिकों ने क्षेत्र की वहन क्षमता को अधिक आंकने के खिलाफ आगाह किया। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक स्थितियों में चीतों के रहने की व्यवस्था प्रति 100 वर्ग किलोमीटर पर एक चीता होती है।

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