देश

Same Sex Marriage: समलैंगिक शादियों को मान्यता के मुद्दे पर 10 दिन की सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने फैसला रखा सुरक्षित

India News (इंडिया न्यूज),Same Sex Marriage,दिल्ली : सेम सेक्स मैरिज पर 10 दिन की सुनवाई पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ को चेयर कर रहे सीजेआई ने कहा कि सेम सेक्स मैरिज को लेकर लगभग सभी पक्षों के तर्कों और उन आए जवाबों को सुना गया है। अब यह संवैधानिक पीठ इस मामले पर फैसले को सुरक्षित करती है।

सेम सेक्स मैरिज का विषय न्यायालय का नहीं बल्कि संसदा का विषय है

इससे पहले, 10 दिन तक चली बहस के दौरान भारत के सालीसिटिर जनरल तुषार मेहता और राज्य सरकारों के वकीलों ने अपने तर्क रखे और पीठ से आग्रह किया कि सेम सेक्स मैरिज का विषय न्यायालय का नहीं बल्कि संसदा का विषय है और इस पर संसद पर छोड़ देना चाहिए। लेकिन पीठ ने इन सारी दलीलों को ठुकराते हुए सेम सेक्स मैरिज की याचिकाओं पर 18 अप्रैल को सुनवाई शुरू की थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की खंडपीठ ने 18 अप्रैल को मामले की सुनवाई शुरू की थी। पीठ के समक्ष बीस याचिकाएँ थी, जो विभिन्न समलैंगिक जोड़ो ने दायर की थी।। , ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और LGBTQIA+ कार्यकर्ताओं ने विशेष विवाह अधिनियम 1954, हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और विदेशी विवाह अधिनियम 1969 के प्रावधानों को इस हद तक चुनौती दी है कि ये कानून सममलैंगिक विवाहों को मान्यता नहीं देते हैं।

सुनवाई के दौरान, पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे को केवल विशेष विवाह अधिनियम तक ही सीमित रखेगी और व्यक्तिगत कानूनों को नहीं छुएगी। इस मामले में हुआ एक और महत्वपूर्ण विकास केंद्र सरकार द्वारा व्यक्त की गई इच्छा थी – जिसने इस आधार पर याचिकाओं का विरोध किया था कि यह संसद के लिए तय करने का मामला है – यह विचार करने के लिए कि क्या समान-लिंग वाले जोड़ों को कुछ अधिकार प्रदान किए जा सकते हैं। यह न्यायालय द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के जवाब में था कि क्या यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ कार्यकारी निर्देश जारी किए जा सकते हैं कि समान-लिंग वाले जोड़ों के पास कल्याणकारी उपायों और सामाजिक सुरक्षा तक पहुंच हो – जैसे कि संयुक्त बैंक-खाते खोलने की अनुमति, भागीदार को नामित करने के लिए जीवन बीमा पॉलिसी, पीएफ, पेंशन आदि।

पीठ ने इस बात पर भी विचार किया कि क्या समलैंगिक जोड़ों के लिए विवाह के अधिकार की घोषणा मौजूदा कानूनों में हस्तक्षेप किए बिना जारी की जा सकती है। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि विशेष विवाह अधिनियम में “पति” और “पत्नी” शब्दों को लिंग तटस्थ तरीके से “पति” या “व्यक्ति” के रूप में पढ़ा जाना चाहिए। केंद्र सरकार ने यह कहकर इसका विरोध किया कि विशेष विवाह अधिनियम को पूरी तरह से अलग उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया गया था और जब 1954 में इसे पारित किया गया था, तो विधायिका ने कभी भी समलैंगिक जोड़ों को इसके दायरे में लाने पर विचार नहीं किया। केंद्र ने यह भी कहा कि इस तरह की व्याख्या विभिन्न अन्य कानूनों को बाधित करेगी जो गोद लेने, रखरखाव, सरोगेसी, उत्तराधिकार, तलाक आदि से संबंधित हैं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने समलैंगिक जोड़ों को गोद लेने की अनुमति देने के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए हस्तक्षेप किया। दूसरी ओर, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने याचिकाओं का समर्थन किया और समलैंगिक जोड़ों को गोद लेने के अधिकार का समर्थन किया।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, राजू रामचंद्रन केवी विश्वनाथन, डॉ. मेनका गुरुस्वामी, जयना कोठारी, सौरभ किरपाल, आनंद ग्रोवर, गीता लूथरा, अधिवक्ता अरुंधति काटजू, वृंदा ग्रोवर, करुणा नंदी, मनु श्रीनाथ आदि ने रखा। याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखा। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र सरकार के लिए पेश हुए। याचिकाओं के विरोध में मध्य प्रदेश राज्य की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने तर्क दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अरविंद दातार ने भी याचिकाओं का विरोध किया।

यह भी पढ़ें :Case of Adultery: अगर मामला व्याभिचार का है तो पति के निजता के अधिकार से बड़ा है सबूत तलब कराने का पत्नी का अधिकार

यह भी पढ़ें : Bihar Caste Census Issue: बिहार जातीय गणना का मामला पहुँचा सुप्रीम कोर्ट, बिहार सरकार ने दाखिल की याचीका, हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगाने के फैसले को दी चुनोती

यह भी पढ़ें : Controversy Over ‘Sirf Ek Banda Kafi Hai’: एक्टर मनोज वाजपेई की फिल्म को आसाराम बापू ने भेजा कानूनी नोटिस, ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ पर विवाद

Connect With Us : Twitter, Facebook 

Kanchan Rajput

Share
Published by
Kanchan Rajput

Recent Posts

Karnal Accident : तेज रफ्तार ट्रक ने जिम ट्रेनर को मारी टक्कर, तोड़ा दम, एक माह पहले हुई थी सगाई

India News Haryana (इंडिया न्यूज), Karnal Accident : हरियाणा के जिला करनाल में काछवा रोड…

36 mins ago

Sonipat Crime: ये कैसी प्रशासन की लापरवाही! दो साल बाद हुई ठग आरोपी की गिरफ्तारी

लगातार क्राइम और स्केम के मामले बढ़ते जा रहे हैं लेकिन प्रशासन अब भी सोया…

1 hour ago

Anil Vij: ‘कांग्रेस झूठ की फक्ट्री’, अंबेडकर मामले को लेकर गरजे अनिल विज, गब्बर की दहाड़ सुन कांपा विपक्ष

अंबेडकर मामले को लेकर संसद में हंगामा देखने को मिल रहा है। लगातार कांग्रेस के…

2 hours ago

Kulgam Encounter : 5 आतंकी ढेर, 2 जवान घायल, सेना और पुलिस का जॉइंट ऑपरेशन

मुठभेड़ में भारतीय सेना के दो जवान भी घायल हो गए India News Haryana (इंडिया…

2 hours ago