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Air Force Day 2021: आज मनाया जा रहा वायुसेना दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व
Air Force Day 2021: आज मनाया जा रहा वायुसेना दिवस, जानिए इसका इतिहास और महत्व
PUBLISHED BY:
haryanadesk • LAST UPDATED : October 8, 2021
आज भारतीय वायुसेना की 89वीं की वर्षगांठ है। हर वर्ष की तरह इस बार भी गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर यह दिवस धूमधाम मनाया जा रहा है। वायुसेना दिवस के मौके पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के चीफ और तीनों सशस्त्र सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहते हैं। भारतीय वायु सेना (IAF) का गठन 8 अक्टूबर, 1932 को भारतीय वायु सेना अधिनियम के तहत किया गया था। हालांकि, उस वक्त इंडियन एयरफोर्स को यूनाइटेड किंगडम की रॉयल एयर फोर्स के सहायक बल के रूप में खड़ा किया गया है, लेकिन अब भारतीय वायु सेना विश्व की सबसे दुर्जेय वायु सेना में से एक है। वायुसेना आसमान से दुश्मनों पर नजर रखने के साथ ही सटीक हमले करने का सामर्थ रखती है। भारतीय वायु सेना, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायु सेना है। सालों से विभिन्न युद्धकालीन और शांतिकालीन अभियानों में इंडियन एयरफोर्स ने अपनी क्षमता और शक्ति की पहचान दी है।
वायुसेना दिवस का महत्व
आज हिंडन एयरबेस पर देश के पुराने और अत्याधुनिक विमानों के साथ भारतीय वायुसेना के जवान हैरतअंगेज करतब दिखा कर शौर्य का परिचय देते हैं। इस दिन को मनाए जाने का उद्देश्य भारतीय वायुसेना के प्रति लोगों में जागरुकता और देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा के लिए भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाना है।
वायु सेना दिवस का इतिहास
भारतीय वायुसेना की स्थापना 8 अक्टूबर 1932 में की गई थी, इसलिए 8 अक्टूबर के दिन वायुसेना दिवस मनाया जाता है, हालांकि 1932 में देश अंग्रेजी हकुमत के अधीन था इसलिए उस समय भारतीय वायुसेना का नाम ‘रॉयल इंडियन एयर फोर्स’ रखा गया था। वहीं आजादी के बाद इसमें से ‘रॉयल’ शब्द को हटाकर ‘इंडियन एयर फोर्स’ कर दिया गया था।
भारतीय वायुसेना का इतिहास
बताया जाता है कि 1 अप्रैल 1933 में भारतीय वायुसेना के पहले दस्ते का गठन किया गया था। जिसमें 6आरएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 सिपाही शामिल थे। वहीं द्वितीय विश्व युद्ध को दौरान भारतीय वायुसेना ने अहम भूमिका निभाई थी। बता दें कि देश की आजादी के बाद से भारतीय वायुसेना ने अभी तक कुल 5 जंग में शामिल हुई है। जिसमें से चार युद्ध पाकिस्तान के खिलाफ और एक चीन के खिलाफ शामिल है।
भारतीय वायुसेना ने 1948, 1965, 1971 और 1999 में पाकिस्तान के साथ युद्ध और वर्ष 1962 में चीन के साथ हुई लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही भारतीय वायुसेना अहम ऑपरेशन में भी शामिल होती रहती है। जिसमें ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और बालाकोट एयर स्ट्राइक शामिल हैं।
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