इंडिया न्यूज, Punjab (Akal Takht Meeting Updates) : पंजाब में पिछले कुछ दिन से चल रही कार्रवाईयों के खिलाफ अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने बैठक में लगभग 60 से 70 सिख संगठनों ने भाग लिया। आपको बता दें कि बैठक में किसी भी राजनीतिक दल को भाग लेने मनाही थी।
बैठक में सभी संगठनों के पदाधिकारियों को 2-2 मिनट ही बोलने का मौका मिल पाया। बैठक के बाद सिख संगठनों ने बताया कि सरकार को 24 घंटों का अल्टीमेटम दिया गया है अगर रिहाई न की गई तो एक बड़ा एक्शन लेंगे। वहीं एडवोकेट धामी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह का आदेश सुनाते हुए कहा कि सभी पकड़े गए सिखों की कानूनी लड़ाई एसजीपीसी (SGPC) द्वारा लड़ी जाएगी। इतना ही नहीं जिन पर NSA लग चुका है, उनका मुद्दा हाईकोर्ट में उठाया जाएगा। अगर कोई अपना वकील कर चुका है तो भी सहायता प्रदान की जाएगी।
आपको यह भी बता दें कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने दो दिन पहले ही अमृतपाल सिंह को सरेंडर करने का सुझाव दिया था। उनका अमृतपाल को कहना था कि अमृतपाल सरेंडर कर और फिर अपना पूरा पक्ष रखे। वहीं उन्होंने सरकार से पंजाब के पकड़े गए युवाओं से हमदर्दी रखने की भी सलाह दी थी।
आपको याद दिला दें कि पिछले अभी गत माह ही 23 फरवरी को खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े हजारों लोगों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर हमला बोल दिया था। इनके हाथों में हथियार भी थे। ये लोग संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी को लेकर कड़ा विरोध कर रहे थे। इसी कारण दल ने थाने पर हमला बोला था।
अमृतपाल सिंह के बारे बता दें कि यह पंजाब के जिला अमृतसर के गांव जल्लूपुर खेड़ा निवासी है। वह 2012 में काम के सिलसिले में ही दुबई गया था लेकिन वहां से सितंबर 2022 को भारत लौटा। सितंबर महीने में ही उसे खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ का प्रमुख बनाया गया था।
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