-
कई मुद्दों पर चर्चा चाहता है विपक्ष
-
29 दिसंबर तक चलेगा सेशन, 23 दिन में 17 बैठकें
इंडिया न्यूज, New Delhi (All Party Meeting) : संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले मंगलवार को केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक आयोजित की। बैठक में 47 में 31 पार्टियों ने हिस्सा लिया और इस दौरान दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने को लेकर बातचीत हुई। इसके अलावा विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने 29 दिसंबर तक चलने वाले इस शीतकालीन सत्र के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा करवाने की मांग की। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी, रक्षा मंत्री और बीजेपी के सांसद राजनाथ सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे व टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने बैठक में सरकार का प्रतिनिधित्व किया। संसद के शीतकालीन सत्र के 23 दिन में 17 बैठकें होंगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संसद के सत्र से पहले बैठक के लिए लोकसभा एवं राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा था। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को सत्र की पूर्व संध्या पर पारंपरिक सर्वदलीय बैठक के बजाय कार्य सलाहकार समिति (बीएसी) की एक अलग बैठक की।
सूत्रों ने बताया बीएसी सदन के विधायी एजेंडे के साथ-साथ उन मुद्दों पर भी चर्चा करती है, जिन पर राजनीतिक पार्टियां चर्चा करना चाहेंगी। बता दें कि सरकार ने पिछले सप्ताह शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले 16 विधेयकों की सूची जारी की थी। गौरतलब है कि इस बार संसद के शीतकालीन सत्र के बीच ही आठ दिसंबर को हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के परिणाम भी सामने आएंगे। ऐसे में शीतकालीन सत्र पर इन दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम की छाया भी देखने को मिलेगी। कांग्रेस भी संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर पिछले हफ्ते एक अहम बैठक कर चुकी है। विपक्षी पार्टी ने गत सप्ताहांत शनिवार को संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में बैठक बुलाई थी। करीब 70 मिनट चली इस बैठक में पार्टी ने साइबर क्राइम, महंगाई व सीमा पर तनाव समेत उन सभी मुद्दों को संसद में उठाने का निर्णय लिया, जो जनता व देश की सुरक्षा से जुड़े है। बैठक में साइबर क्राइम के मसले को प्रमुखता से रखा गया है।
विपक्ष ने इन मसलों पर की चर्चा की मांग
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव आयुक्त की नियुक्ति केवल एक दिन में करने के अलावा ईडब्ल्यूएस कोटा और बेरोजगारी पर सत्र के दौरान चर्चा की मांग की। वहीं सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी, एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और राज्यों की आर्थिक नाकाबंदी पर चर्चा की मांग की।
उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि विपक्ष को अहम मुद्दे उठाने की इजाजत दी जानी चाहिए। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सत्र का समय कम होने को लेकर सरकार पर क्रिसमस की उपेक्षा करने का आरोल लगाया। उन्होंने कहा, हमने सरकार से कहा है कि जैसे हिंदू, मुस्लिम के त्योहार होते हैं, वैसे ईसाई लोगों का भी त्योहार होता है। यह बात ईसाई लोगों के त्योहार के समय ध्यान रखनी जरूरी है। अधीर ने कहा, उनकी जनसंख्या कम है, लेकिन यह बात हमें सोचनी चाहिए। हम सत्र को छोटा और बंद करके त्योहर को मनाने की बात नहीं कह रहे, बल्कि सरकार को इसके बारे में सोचने के लिए कह रहे हैं। सरकार 24-25 विषयों पर चर्चा कराना चाहती है जिसके लिए समय नहीं है, क्योंकि शीतकालीन सत्र केवल 17 दिन का है।
हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार : केंद्र
प्रह्लाद जोशी ने कहा, विपक्ष की ओर से कुछ सुझाव आए हैं और हम हर मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने बताया कि स्पीकर और चेयरमैन की इजाजत मिलने पर ही चर्चा होगी। प्रह्लाद जोशी ने कहा, मैं इस आरोप की निंदा करता हूं कि हम क्रिसमस की उपेक्षा कर रहे हैं, 24 और 25 दिसंबर को अवकाश रहेगा। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस तरह के आरोप लगाए थे।
यह भी पढ़ें : Gold ATM : देश व दुनिया के पहले ATM से अब खरीद सकेंगे सोना
Connect With Us: Twitter Facebook