India News (इंडिया न्यूज़), Ancient artefacts of India, नई दिल्ली : विभिन्न देशों से अब तक 250 से अधिक प्राचीन कलाकृतियों को भारत वापस लाने में सफलता मिली है। इनमें से 238 कलाकृतियां 2014 के बाद से वापस लाई गई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चोल वंश के काल की भगवान हनुमान की एक प्राचीन मूर्ति विदेश में मिली थी। हाल ही में उसे भारत लाया गया है। इस मूर्ति को तमिलनाडु में एक मंदिर से चुराया गया था।
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि भारत सरकार देश की पुरातन विरासत को सुरक्षित करने की दिशा में काम कर रही है और वह गैरकानूनी तरीके से विदेश ले जाई गई प्राचीन कलाकृतियों को वापस लाने के प्रयासों में तत्परता से जुटी हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक विभिन्न देशों से 251 कलाकृतियों को वापस लाया गया है। इनमें से 238 को 2014 के बाद से वापस लाया गया है।’’ अधिकारियों ने बताया कि भगवान हनुमान की मूर्ति तमिलनाडु के अरियालुर जिले के पोट्टावेली वेल्लूर इलाके में एक विष्णु मंदिर श्री वरथराजा पेरुमल से चुरायी गयी थी। यह चोल वंश (14वीं-15वीं सदी) के समय की है। अधिकारी ने कहा, ‘‘यह मूर्ति कैनबरा (ऑस्ट्रेलिया) में भारत के उच्चायुक्त को सौंपी गई।’’ उन्होंने बताया कि यह मूर्ति फरवरी के आखिरी सप्ताह में भारत को लौटायी गयी तथा इसे 18 अप्रैल को तमिलनाडु मूर्ति शाखा को सौंप दिया गया।
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