इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Arms purchases by india) : भारत की भूगौलिक स्थिति ऐसी है कि इसकी सीमाएं कई देशों के साथ लगती हैं। भारत की सीमा जहां पूर्व में चीन के साथ लगती है वहीं पश्चिम में भारत की सीमा पाकिस्तान के साथ जुड़ी हुई है। इन दोनों देशों के साथ भारत के संबंध ज्यादा अच्छे नहीं हैं। इसी के चलते भारत को हमेशा किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखना पड़ता है। इसलिए भारत अपने रक्षा बजट पर बहुत ज्यादा फोकस करता है। इसी का कारण है कि भारत हथियार खरीदने के मामले में दुनिया में शीर्ष पर है।
दूसरे नंबर पर सऊदी अरब और तीसरे नंबर पर इस मामले में कतर है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। इसके अनुसार साल 2013-17 और 2018-22 के बीच भारत की हथियार खरीद में 11 फीसदी की कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद नई दिल्ली हथियारों का सबसे बड़ा खरीदार देश बना हुआ है।
11 फीसदी की खरीद अकेले भारत ने की
पिछले पांच साल में विश्वभर में जितने हथियार खरीदे गए, उनमें से 11 फीसदी की खरीद अकेले भारत ने की है। इसके बाद सऊदी अरब ने 9.6 फीसदी और तीसरे नंबर पर कतर है जिसने उक्त अवधित में 6.4 फीसदी हथियारों की खरीदारी की। आस्ट्रेलिया ने 4.7 फीसदी और चीन 4.7 फीसदी हथियार खरीदे हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत के हथियार खरीद में आई कमी का कारण मेक इन इंडिया प्रोग्राम है, जिसके तहत सरकार का जोर हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बनने पर है। बीते चार से पांच साल में भारत ने हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इनमें भारत में निर्मित हथियारों के लिए अलग बजट का प्रावधान, रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करना और कई हथियारों की खरीद पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम शामिल हैं।
देश में हथियारों के निर्माण पर जोर का ही असर है कि इस बार के बजट में भारतीय हथियारों को खरीदने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। गौरतलब है कि बीते तीन साल में इसमें लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। तीन साल पहले भारत में निर्मित हथियारों और अन्य सामान की खरीद के लिए बजट में 51 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान था, जिसे अगले साल बढ़ाकर 70 हजार करोड़ और फिर 84 हजार करोड़ रुपए किया गया। अब यह बढ़कर एक लाख करोड़ रुपए हो गया है।
सिपरी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका दुनिया का सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है, जो दुनिया के कुल हथियार निर्यात का 40 फीसदी निर्यात करता है। अमेरिका के बाद रूस दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश है, जो 16 फीसदी हथियार निर्यात करता है। इनके बाद फ्रांस (11 फीसदी), चीन (5.2 फीसदी) और जर्मनी (4.2 फीसदी) का नंबर आता है। साल 2013 के बाद से अमेरिकी के हथियार निर्यात में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, वहीं रूस के हथियार निर्यात में 31 फीसदी की कमी हुई है।