देश के कई राज्यों से 6 गुना तक है आशा वर्कर्स का मानदेय
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Asha Workers Honorarium मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार समावेशी विकास और राज्य में सभी के लिए समान सुविधाएं सुनिश्चित करने के अपने आदर्श वाक्य पर अथक रूप से काम कर रही है। हरियाणा सरकार विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर पारिश्रमिक प्रदान कर रही है जोकि देशभर में सर्वाधिक है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार अन्य राज्यों की तुलना में आशा वर्कर्स को सर्वोत्तम पारिश्रमिक देने में भी शीर्ष पर है। पूरे देश में हरियाणा की आशा वर्कर्स को राज्य सरकार द्वारा सबसे अधिक मानदेय स्टेट बजट से दिया जा रहा है।
यहां तक कि आशा वर्कर्स के हरियाणा मॉडल (Haryana Model) को पंजाब और अन्य राज्यों में भी लागू करने की मांग की जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा सरकार आशा वर्कर्स की जायज मांगों को लेकर बहुत संजीदा है, जिन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जा रहा है।
प्रवक्ता के मुताबिक वर्तमान में हरियाणा में कुल 20,001 आशा वर्कर्स, आशा पे-एप (अरऌअ ढं८अस्रस्र) पर रजिस्टर्ड हैं, जिन्हें भारत सरकार के नियमानुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियां करने के उपरांत केवल परफॉरमेंस बेस्ड इंसेंटिव दिए जाने का प्रावधान है, परंतु हरियाणा सरकार ने राज्य बजट से आशा वर्कर्स के लिए अतिरिक्त मानदेय हेतु रुपए 154.45 करोड़ का प्रावधान निम्नलिखित रूप में किया हुआ है।
1. रुपए 4000/- मासिक निश्चित मानदेय (फिक्स्ड मानदेय),
2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्य-आधारित अर्जित मासिक राशि का 50% अतिरिक्त मानदेय (08 नियमित गतिविधियों को छोड़कर),
3. कार्य-आधारित 07 प्रमुख गतिविधियों के लिए रुपए 750/- अतिरिक्त मानदेय।
4. आशा की मृत्यु उपरांत परिवार की आर्थिक सहायता के लिए रुपए 3 लाख।
प्रवक्ता ने बताया कि मार्च से नवम्बर 2021 तक 5033 (25.16%) आशाओं को प्रतिमाह रुपए 10,000 से अधिक मानदेय दिया गया है; जिसमें से 38 आशाओं को प्रति माह रुपए 18,000/- से अधिक, 318 आशाओं को रुपए 18,000/- से 14,000/- तक तथा 4677 आशाओं को रुपए 14,000/- से 10,000/- तक प्रति माह दिया गया है। इसी प्रकार, बाकि 14968 आशाओं को प्रति माह 10000/- से 6000/- तक प्रतिमाह दिया गया है, जिसमें से रुपए 6000/- प्रति माह लेने वाली आशाओं की संख्या पूरे राज्य में केवल 20 है।
इसके अलावा उडश्कऊ-19 अवधि (मार्च 2020 से अब तक लगातार) के दौरान भी आशाओं को प्रति माह अतिरिक्त रुपए 1000/- भारत सरकार के बजट से दिए जा रहे हैं वहीं संक्रमण से यदि किसी आशा वर्कर्स की मृत्यु होती है तो उसके परिवार की आर्थिक सहायता के लिए राज्य में रुपए 53.00 लाख का प्रावधान भी किया गया है, जिसमें से रुपए 50.00 लाख भारत सरकार तथा रुपए 3.00 लाख हरियाणा सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं।
हरियाणा में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक मानदेय मिल रहा है। जिसके माडल की अब अन्य राज्यों में भी मांग की जाने लगी है। बता दें कि हरियाणा में 11000 -14000, तेलंगाना में 7000, यूपी में 6000, महाराष्ट्र में 6500, हिमाचल में 2750 और दिल्ली में 8000-12000 मानदेय दिया जा रहा है।
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