Atiq Ahmed and Ashraf Ahmed murder case, इंडिया न्यूज़ : प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ अहमद हत्याकांड में शामिल तीन शूटरों में से एक अरुण मौर्य के दादा मथुरा प्रसाद ने कहा है कि उसे किए की सजा मिलनी चाहिए।
एनएफएल के पास विकास नगर निवासी मथुरा प्रसाद ने अरुण का केस लड़ने से भी इनकार कर दिया। दादा ने कहा कि पहले ही अरुण पिस्तौल के साथ पकड़े जाने पर जेल गया था। जमानत पर छूटने के बाद उसे दोबारा गलती करने पर नाता तोड़ने की हिदायत दी थी, पर वह नहीं माना और अपराध के रास्ते पर चल पड़ा।
अरुण मौर्य के परिवार वाले हैरान हैं कि 200 रुपए जेब खर्च मांगने वाले अरुण के पास लाखों रुपए की पिस्तौल कहां से आई, जिससे उसने अतीक-अशरफ की हत्या की। बता दें कि अरुण के पास पांच लाख की जिगाना गन थी जिससे उसने अतीक व अशरफ को गोली मारी है।
परिजनों का कहना है कि अरुण एक जगह टिक कर नौकरी नहीं करता था। कई बार उसके पास जेब खर्च के लिए भी रुपए नहीं होते थे, वह अपने दादा मथुरा प्रसाद से 200 रुपए मांगता था, पर उसके पास इतनी महंगी पिस्टल कहां से आई, यह बड़ा सवाल है। मथुरा प्रसाद ने बताया कि अरुण बचपन में ऐसा नहीं था। 10वीं पास करने के बाद उसने आपराधिक रास्ते पर कदम बढ़ाया। देसी कट्टा पकड़े जाने के बाद वह जेल चला गया।
मथुरा प्रसाद ने बताया कि मुश्किल से उन्होंने 20 दिन बाद उसकी जमानत करा दी, लेकिन बाहर आने के बाद उसने दोबारा तीन साथियों के साथ मिलकर हत्या के मामले में गवाहों के साथ मारपीट कर दी, जिसके बाद वह फिर जेल चला गया था। दादा बोले कि इस बार उनके पास जमानत तक के पैसे नहीं थे।
अरुणा के दादा ने बताया कि 15 दिन तक जमानत के रुपए जुटाए और वकील की मदद से उसकी जमानत करवाई। मथुरा प्रसाद ने बताया कि इस बार उन्होंने पोते अरुण मौर्य को चेतावनी दी थी कि यदि अब दोबारा उसने किसी के साथ मारपीट की या कोई आपराधिक वारदात को अंजाम दिया तो वह उससे नाता तोड़ लेंगे, वह खुद इसके लिए जिम्मेदार होगा, लेकिन अब माफिया ब्रदर्स की हत्या में उसका नाम सामने आया है।
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