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5G Spectrum Auction: 5G स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी आज शुरू, अंबानी और अडाणी सहित चार कंपनियां शामिल

इंडिया न्यूज, 5G Spectrum Auction: भारत में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया मंगलवार यानी आज से शुरू हो चुकी है। यह नीलामी प्रक्रिया आज सुबह 10 बजे शुरू हो चुकी है और शाम 6 बजे तक चलेगी। 5G की नीलामी प्रक्रिया में रिलायंस जियों, भारती एयरटेल, वीआई और अडाणी सहित चार बड़ी कंपनिया शामिल होंगी। 5G की बोली के दौरान 4.3 लाख करोड़ रूपए के मूल्य को 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को ब्लॉक पर रखा जाएगा।

4G से 10 गुना तेज होगी 5G सर्विस

सरकार ने 20 साल की वैधता के साथ 72 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा है। नीलामी में सफल रहने वाली कंपनी देश में इसके जरिए 5जी सर्विस लोगों तक पहुंचा सकेंगी। बताया जा रहा है कि देश में मौजूदा 4जी सर्विस से 5जी सर्विस 10 गुना ज्यादा तेज होगी।

5G स्पेक्ट्रम नीलामी में हिस्सा लेने के वाली कंपनियों में रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और अडाणी जैसी बड़ी कंपनिया हिस्सा बनी है जिसके दौरान हमें उनकी डेटा नेटवर्क्स ने बयाना राशि जमा की थी। जिस दौरान रिलायंस के इरादे सबसे ज्यादा मजबूत है ये इसी बात से पता चलता है। (5G Spectrum Auction)

रिलायंस ने नीलामी से पहले डिपॉजिट कराए 14,000 करोड़ रूपये

निलामी से पहले रिलांयस जियो ने दूरसंचार विभाग के पास 14, 000 करोड़ रूपये की राशी डिपॉजिट करवा दी है। वहीं अडाणी ने 100 करोड़ रूपये की राशि जमा करवा दी है। आज 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी दिल्ली में संचार भवन में हो रही है। (5G Spectrum Auction)

कुल चार कंपनिया नीलामी में शामिल

5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए मैदान के केवल 4 कंपनिया हैं। जिस दौरान रिलांया जियो और एयरटेल के बीच नीलामी के लिए होड देखने को मिल सकती हैं। उम्मीद लगाई जा रही है कि जियो नीलामी के दौरान बड़ी बोली लगा सकता है। वहीं नीलामी में शामिल ओर कंपनिया भी बोली में कसर नही छोड़ेगी। अडाणी की तरफ से भी बड़ी बोली की उम्मीद है।

जानिए क्या है स्पेक्ट्रम और यह कैसे करती है काम

5G स्पेक्ट्रम की नीलामी के दौरान स्पेक्ट्रम का अर्थ शायद ही कुछ लोग जानते है। एयरवेव्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के पास एक रेडियो फ्रीक्वेंसी स्थित हैं जो की टेलीकॉम सहित कई सेवाओं के लिए वायरलेस तरीके से सूचना पहुंचाता है। स्पेक्ट्रम को लो फ्रीक्वेंसी से लेकर हाई फ्रीक्वेंस तक के बैंड में डिवाइड किया जा सकता है।

हाई-फ्रीक्वेंसी वेव ज्यादा डेटा ले जाने का कार्य करती हैं और लो-फ्रीक्वेंसी वेव की तुलना में तेज होती हैं, लेकिन इन्हें आसानी से ब्लॉक या ऑब्सट्रक्ट किया जा सकता है। लोअर-फ्रीक्वेंसी वेव वाइडर कवरेज प्रदान कर सकती हैं। (5G Spectrum Auction)

5G Spectrum Auction

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Nitesh Kumar

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