देश

Bhopal Air Show 2023 : भारतीय वायु सेना ने किया शक्ति प्रदर्शन

  • शो में 65 लड़ाकू विमानों ने दिखाए हैरतअंगेज करतब 

India News (इंडिया न्यूज़), Bhopal Air Show 2023, मध्यप्रदेश : राजधानी भोपाल के नीले आसमान में शनिवार को भारतीय वायुसेना ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया। सेना के पायलटों ने लड़ाकू विमानों के साथ अपना शौर्य और साहस दिखाया।

शो में वायुसेना के लड़ाकू विमान तेजस, मिराज 2000, सूर्य किरण और चिनूक हेलीकॉप्टर समेत 65 लड़ाकू विमानों के हैरतअंगेज करतब दिखाए गए। शो देखने के लिए बड़े तालाब यानी वोट क्लब के आसपास के इलाकों के अलावा भोपाल व देशभर से लाखों लोग पहुंचे थे। शनिवार सुबह 10 बजे से 11.30 बजे तक वायुसेना के सबसे सफल विमानों ने अपनी हवाई ताकत का प्रदर्शन किया।

वाटर लेवल के ऊपर डेढ़ घंटे तक चला शो

बता दें कि पहली बार भोपाल में वाटर लेवल के ऊपर एयर शो हुआ और यह लगभग डेढ़ घंटे तक चला। वाटर लेवल के ऊपर से चिनूक हेलीकॉप्टर, फाइटर जेट, तेजस, सुखोई और सूर्य किरण आदि विमानों ने उड़ान भरते हुए जब अद्भुत करतब दिखाया वहीं इस आकर्षक नजारे को हर कोई अपने कैमरे में कैद करता नजर आया।

…तो आसमान में केवल चमकदार धुआं दिखाई दिया

भव्य शो की रिहर्सल के लिए तेजस, सुखोई और मिराज-2000 ने ग्वालियर से तो ट्रांसपोर्टर विमान पृथ्वी, गजराज ने 500 किमी दूर आगरा एयरबेस से उड़ान भरते हुए अभ्यास किया। वहीं जब शो के दौरान दुश्मनों को पानी पिलाने वाले रूद्र, मिराज और सारंग ने भोपाल एयरपोर्ट से उड़ान भरी तो आसमान में केवल चमकदार धुआं ही दिखाई दिया। इस पल को भी लोग देखते रहे और भारत माता के जोर-जोर से जयकारे लगाए। एयर शो को यादगार बनाने के लिए भोपाल, आगरा और ग्वालियर एयरबेस पर 300 से अधिक अफसर और सेना के जवान मौजूद रहे।

आम लोगों के लिए निशुल्क थी एंट्री

वहीं आपको बता दें कि एयर शो में आम लोगों की एंट्री बिलकुल निशुल्क थी, लेकिन इसके लिए पास दिए गए थे। इस शो में मुख्य अतिथि के दौर पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को शामिल होना था, लेकिन अचानक उनका दौरा रद हो गया। वायु सेना प्रमुख वीएस चौधरी, चीफ ऑफ द एयर स्टाफ एयर मार्शल विभाष पांडे समेत सीएम शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल कार्यक्रम में मौजूद रहे।

चिनूक की पेलोड क्षमता लगभग 10 टन

चिनूक की पेलोड क्षमता लगभग 10 टन है। इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, डिवाइस, ईंधन, सड़क निर्माण और इंजीनियर उपकरणों को ढोने में किया जाता है। ये काफी ऊंचाइयों तक भारी पेलोड पहुंचा सकता है और उच्च हिमालय संचालन के लिए भी अनुकूल है।

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Amit Sood

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