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5 महीने में 13 करोड़ 80 लाख रुपये के टोल का बड़ा खेल !

• LAST UPDATED : September 3, 2020

फरीदाबाद/देवेंद्र कौशिक: दिल्ली-बदरपुर बॉर्डर पर वाहन चालकों से टोल के रूप में वसूली जाने वाली राशि पिछले 5 महीने से एनएचएआई (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को नहीं मिली है। जबकि टोल पर लगातार कलेक्शन की जा रही है। विभागों की बड़ी लापरवाही का बड़ा फायदा निजी टोल कलेक्शन कंपनी उठा रही है

एनएचएआई और एसडीएमसी( साउथ दिल्ली म्युनिसिपल कमेटी) के बीच हुए करार के मुताबिक 9 लाख 20 हजार रुपया रोजाना एनएचएआई को इस टोल से देना होता है लेकिन पिछले 5 महीने से एनएचएआई को कोई पैसा जमा नहीं कराया गया है। बावजूद इसके निजी कंपनी द्वारा टोल कलेक्ट किया जा रहा है।

आपको बता दें कि जुलाई 2019 में बदरपुर टोल प्लाजा को लेकर एनएचएआई और एसडीएमसी के बीच में एमओयू साइन किया गया था। जिसमें एसडीएमसी को ₹9 लाख 20 हजार रोजाना के हिसाब से एनएचएआई को देने थे। इस बीच एसडीएमसी ने निजी कंपनी MeP को यहां टोल कलेक्शन के लिए नियुक्त किया। उसके बाद इस साल अप्रैल से अब तक कोई भी पैसा एनएचएआई के खाते में जमा नहीं कराया गया है।

 

एनएचएआई के डीजीएम सचिन कुमार की माने तो NHAI और एसडीएमसी के बीच में एमओयू साइन हुआ था। इस टोल प्लाजा पर एसडीएमसी की तरफ से ही निजी कंपनी को लगाया गया है। एनएचएआई का लेनदेन एसडीएमसी से है ना कि निजी एजेंसी से। लेकिन अभी तक उन्हें पैसा नहीं मिला है।

सबसे खास बात इसमें यह है कि लगातार एनएचएआई की तरफ से पैसों की डिमांड की गई लेकिन एसडीएमसी की तरफ से ना तो पैसे जमा कराए गए बल्कि पिछले महीने ही एनएचआई को पत्र लिखकर खुद एनएचएआई से ही अपनी एजेंसी नियुक्त करने के लिए कहा गया।लेकिन अब तक एनएचएआई की तरफ से  किसी एजेंसी को टोल कलेक्शन के लिए नहीं लगाया है।

अब सवाल इस बात को लेकर खड़े हो रहे हैं कि आखिर निजी एजेंसी M e P लोगों से जो टोल के रूप में कलेक्शन कर रही है वह किस खाते में जा रहा है।