इंडिया न्यूज, हरिद्वार।
Bipin Rawat Asthi Visarjan एमआई-17 हेलिकॉप्टर क्रैश में हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, पत्नी मधुलिका सहित कुल 13 लोग की मौत हुई थी। हादसे के कारण पूरा देश शोक लहर में डूबा हुआ है। शुक्रवार देर शाम को बिपिन रावत और पत्नी मधुलिका दोनों का एक ही अर्थी पर दिल्ली के श्मशानघाट में संस्कार किया गया। शनिवार को रावत की दोनों बेटियां दिल्ली से अस्थि कलश लेकर हरिद्वार वीआईपी घाट पहुंचीं, जहां पर पूरे सैन्य सम्मान और विधिविधान के साथ अस्थियां गंगा में विसर्जित की गई।
रावत और उनकी पत्नी की पूरे सैन्य सम्मान के साथ गंगा में अस्थियां विसर्जित की गई, उस दौरान वीआईपी घाट पर सेना का बैंड और टुकड़ियां भी मौजूद रहीं।
इस बारे में जानकारी देते हुए डीएम विनय शंकर पांडेय ने बताया कि अस्थियों को उनकी बेटियां कृतिका व तारिणी और परिवार के अन्य सदस्य हरिद्वार लेकर पहुंचे। वीआईपी घाट पर ही अस्थियां विसर्जित की गई।
श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा इस दुख की घड़ी में पूरा संत समाज एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दिवंगत शहीदों के परिजनों एवं राष्ट्र के साथ दृढता से खड़ा है। उन्होंने कहा कि अमर शहीद जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड के अनमोल रत्न थे। उन्होंने यह भी बताया कि उत्तराखंड सरकार जनरल बिपिन रावत की स्मृति में भव्य स्मारक बनाए। यदि सरकार अखाड़ा परिषद को जमीन उपलब्ध करवा देती है तो अखाड़ा परिषद समस्त अखाड़ों और साधु-संतों के सहयोग से भव्य स्मारक एवं धाम बनाएंगे।
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