India News, (इंडिया न्यूज), Brij Bhushan Sharan Singh, नई दिल्ली: यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह अब अध्यक्ष पद पर नहीं रहे। बता दें कि महिला पहलवानों ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं और इसको लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया व अन्य दिल्ली के जंतर-मंतर पर बीते 22 दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वह बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) ने (डब्ल्यूएफआई) के सभी पदाधिकारियों को अमान्य करार दे दिया है। आईओए के संयुक्त सचिव कल्याण चौबे ने कुश्ती संघ को आदेश जारी कर उसके सभी पदाधिकारियों के प्रशासनिक, आर्थिक कार्य पर रोक लगाने के निर्देश दिए। आईएओ ने कुश्ती संघ से सभी दस्तावेज, खाते व विदेशी टूर्नामेंटों के लिए भेजी जाने वाली एंट्री का लॉगिन व वेबसाइट संचालन भी तत्काल उसे सौंपने के निर्देश दिए हैं।
खेल मंत्रालय की ओर से डब्ल्यूएफआई के चुनाव रद करके आईओए की अस्थायी समिति को संघ के चुनाव करवाने और उसके संचालन की जिम्मेदारी सौंपे जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। बृजभूषण बतौर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष 4 साल के तीन कार्यकाल पूरे कर चुके हैं और खेल संहिता के मुताबिक वह अब इस पद पर चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो चुके हैं।
जनवरी में पहलवानों के पहले धरने के दौरान ही खेल मंत्रालय की ओर से खिलाड़ियों की मांग पर बृजभूषण को संघ की सभी गतिविधियों से दूर रहने को कहा गया था। साथ ही आईएओ की गठित ओवरसाइट कमेटी को ही इसका संचालन सौंपा गया था। कागजी कार्रवाई के हिसाब से बृजभूषण फेडरेशन से 5 माह से अलग ही हैं। बृजभूषण भी स्पष्ट कर चुके हैं कि वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे।
खेल मंत्रालय ने आईओए को 45 दिन में कुश्ती संघ के चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए तीन मई को तीन सदस्यीय अस्थायी समिति का गठन किया गया था। समिति में वूशु संघ के भूपेंदर सिंह बाजवा, ओलंपियन निशानेबाज सुमा शिरूर और एक सेवानिवृत जज को शामिल किया गया है। समिति ने अपना कार्यभार भी संभाल लिया। उसकी अगुवाई में अंडर-17 और अंडर-23 एशियाई चैंपियनशिप की टीम के चयन ट्रायल व चयन समिति भी घोषित कर दी गई।
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