India News (इंडिया न्यूज),Occupying the Land of Irrigation Department, इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सीबीआई को अहिमामऊ इलाके में सिंचाई विभाग की एक जमीन पर एक बिल्डर द्वारा कब्जा किए जाने के आरोपों की चार महीने के भीतर प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया है।
पीठ ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया कि वह हर महीने प्रारंभिक जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश करे और अगली सुनवाई 5 मई को तय की।
न्यायमूर्ति डी के सिंह की पीठ ने बी के सिन्हा द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया।
“इस अदालत का मानना है कि चूंकि एक प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा इतने बड़े अतिक्रमण की अनुमति देने में उच्च अधिकारी शामिल होंगे, इसलिए स्थानीय पुलिस द्वारा निष्पक्ष जांच संभव नहीं हो सकती है और इसलिए, उक्त संबंध में सीबीआई द्वारा प्रारंभिक जांच की जानी चाहिए।”
आरोप है कि बाद में बिल्डर ने जमीन किसी ऐसे व्यक्ति को बेच दी, जिसने उस पर स्कूल की इमारत खड़ी कर दी थी।
हाल ही में कोर्ट के दखल के कारण सरकार द्वारा स्कूल की इमारत को गिरा दिया गया था। कोर्ट ने सिंचाई विभाग को साइट से मलबा हटाने का निर्देश दिया है।
पीठ ने सिंचाई विभाग, लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) और आवास और शहरी विकास विभाग को जांच के लिए सीबीआई को प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए भी कहा।
चूंकि मामले में सतर्कता जांच पहले से ही चल रही है, इसलिए अदालत ने यह भी कहा कि सतर्कता विभाग की रिपोर्ट सीबीआई को मुहैया कराई जाएगी। पीठ ने सिंचाई विभाग को अतिक्रमणकारियों से कानून के मुताबिक हर्जाना वसूलने का भी निर्देश दिया।