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Gyanvapi Masjid Case : हिंदू पक्ष को कोर्ट का झटका, नहीं होगी कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग

• LAST UPDATED : October 14, 2022

इंडिया न्यूज, Uttar Pradesh News (Gyanvapi Masjid Case) : ज्ञानवापी मामला थमता नजर नहीं आ रहा। हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों में विवाद बढ़ता नजर आ रहा है। कोर्ट में भी लगातार सुनवाई चल रही हैं। आज इसी मामले में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी केस पर जिला कोर्ट ने फैसला सुना दिया है।

कोर्ट ने कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग खारिज कर दी है। मालूम रहे कि बीते दिनों हिंदू पक्ष की ओर से कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने की मांग रखी थी जिसे जिला अदालत ने खारिज कर दिया है।

इससे पहले शिवलिंग की आकृति की कार्बन डेटिंग कराने के आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में 12 अक्टूबर को भी सुनवाई हुई थी जिसके बाद आदेश के लिए 14 अक्टूबर यानि आज की तिथि नियत की थी।

अंजुमन इंतजामिया की दलील

इस मामले में अंजुमन की तरफ से अधिवक्ता मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने कहा कि 16 मई को सर्वे के दौरान मिली आकृति के बाबत दी गई आपत्ति का निस्तारण नहीं किया गया और मुकदमा सिर्फ शृंगार गौरी के पूजा और दर्शन के लिए दाखिल किया गया है। उन्होंने कहा था कि कार्बन डेटिंग जीव व जन्तु की होती है न कि पत्थर की।

क्या होती है कार्बन डेटिंग?

कार्बन डेटिंग वो वैज्ञानिक जांच की प्रक्रिया है, जिसकी सहायता से 50,000 साल पुराने अवशेष का भी पता लगाया जा सकता है लेकिन अगर इस कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराई गई तो निश्चित तौर पर इसे खुरचा जाएगा और तब ये आकार खराब हो जाएगा। वहीं कार्बन डेटिंग उस विधि भी का नाम है जिसके प्रयोग से किसी भी वस्तु की उम्र का पता लगाया जा सकता है। इस विधि के माध्यम से लकड़ी, बीजाणु, चमड़ी, बाल, कंकाल आदि की आयु पता की जा सकती है।

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