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Chandra Grahan 2022 Sutak Timings : चंद्रग्रहण से पहले सूतक शुरू, न करें कोई मांगलिक कार्य

BY: • LAST UPDATED : November 8, 2022

इंडिया न्यूज, (Chandra Grahan 2022 Sutak Timings) : वर्ष का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण आज लगने जा रहा है। यह ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण है। इस ग्रहण को भारत में कई हिस्सों में आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। आज सबसे पहले अरुणाचल में पूर्ण चंद्र देखने को मिलेगा। भारत में ग्रहण दिखाई देने के कारण इसका सूतक काल (Sutak ) मान्य होगा। ज्योतिष के अनुसार आज ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल की शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होगा।

ग्रहण की इतने बजे होगी समाप्ति

इस चंद्र ग्रहण की समाप्ति शाम को 6.19 बजे पर होगी और इसी के साथ सूतक का भी समापन हो जाएगा। बताया गया है यह चंद्र ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि में पड़ रहा है जिस कारण से इस राशि वाले विशेष एहतियात बरतें।

जानिये अगले वर्ष 2023 में कब और कितने ग्रहण

आपको जानकारी दे दें कि अगले वर्ष में चार ग्रहण होंगे। पहला सूर्य ग्रहण होगा जो 20 अप्रैल लगेगा, दूसरा 5 मई को उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद 14 अक्टूबर को फिर सूर्य ग्रहण लगेगा और 28 अक्टूबर को आंशिक चंद्र ग्रहण होगा। इस तरह से कुल मिलाकर 4 ग्रहण ज्योतिष गणना के अनुसार होंगे।

विदेश में यहां-यहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण

Chandra Grahan 2022 Sutak Timings

Chandra Grahan 2022 Sutak Timings

वहीं भारत के अलावा यह चंद्रग्रहण आस्ट्रेलिया, अमेरिका और पेसिफिक और एशिया में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण कार्तिक पूर्णिमा पर देव दीपावली की तिथि पर लगेगा। भारत में यह चंद्रग्रहण शाम होते ही दिखाई देने लगेगा।

जानिये इतने बजे शुरू होगा चंद्र ग्रहण

भारत में चंद्रग्रहण शाम 4 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। लेकिन चंद्रोदय का समय 5 बजकर 28 मिनट पर रहेगा।

चंद्र ग्रहण पर यह करेंं

पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्ते को खाने के सामान में रख दें।
अपने इष्ट देवी-देवताओं का जाप करें।
चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों को भी जपें।
ग्रहण खत्म होने पर घर में गंगाजल छिड़कें ताकि सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सके।

चंद्र ग्रहण में क्या न करें

शास्त्रों में कहा गया है कि सूतक काल अशुभ है, इसलिए सूतक में पूजा-पाठ, धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं करने चाहिए। इस दिन मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं। इतना ही ग्रहणकाल के दौरान कुछ भी खाना-पकाना वर्जित है। जिस समय ग्रहण लगा हो उस दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान करने का विधान है।

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