इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (China’s policy against Taiwan): चीन और ताइवान के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है लेकिन वर्तमान में इन दोनों के बीच विवाद काफी ज्यादा गहराता दिखाई दे रहा है। इस विवाद के पीछे ताइवान की राष्टÑपति का अमेरिका दौरा बताया जा रहा है। दरअसल ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन गत दिनों अमेरिका के दौरे पर थी। इस दौरान उन्होंने कई नेताओं से मुलाकात की।
ताइवान की राष्टÑपति की इस अमेरिका यात्रा से चीन पूरी तरह से बौखला गया और उसने ताइवान पर दवाब बनाने के लिए उसकी समुद्री सीमा के नजदीक अपने युद्धपोत तैनात कर दिए। इस कार्रवाई में चीन ने ताइवान सीमा के नजदीक अपने 2 लड़ाकू विमान और शेनडोंग समेत 3 युद्धपोत ताइवान के पास तैनात कर दिए हैं।
दरअसल, ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने बुधवार को कैलिफोर्निया में स्पीकर मैकार्थी से मुलाकात की थी। जिसे चीन ने भड़काऊ हरकत बताया था। युद्धपोत और लड़ाकू विमानों से ताइवान की रेकी करने के अलावा चीन ने अमेरिका में ताइवान के प्रतिनिधि पर पाबंदियां लगा दी हैं। प्रतिनिधि हसिआओ बी किम और उनका परिवार पाबंदियों के चलते अब कभी चीन, हांगकांग और मैकाउ नहीं जा पाएगा। इसके अलावा राजदूत की कंपनियां भी चीन के साथ कोई व्यापार नहीं कर पाएंगी।