इंडिया न्यूज़,(Closed meat shops and slaughterhouses will not open in Gujarat): गुजरात हाईकोर्ट ने बंद की गईं मांस की दुकानों और बूचड़खानों के मालिकों की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें इन्हें फिर से खोलने का आग्रह किया गया था। अदालत ने कहा कि व्यवसाय करने की स्वतंत्रता सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंडों से ऊपर नहीं हो सकती। दुकान के मालिकों ने दुकानें बंद किए जाने को अवैध फैसला बताते हुए इन्हें दोबारो खोलने की अनुमति मांगी थी।
गुजरात हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति एनवी अन्जारिया और न्यायमूर्ति निराल मेहता की पीठ ने मांस और बूचड़खानों के मालिकों द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिकाओं में अनुरोध किया गया था कि उन्हें विशेष रूप से रमजान के महीने के दौरान काम करने की अनुमति दी जाए। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा कि व्यवसाय करने की स्वतंत्रता सार्वजनिक स्वास्थ्य मानदंडों से ऊपर नहीं हो सकती।
दरअसल, गुजरात हाईकोर्ट के लाइसेंसिंग और नियामक मानदंडों, खाद्य और सुरक्षा मानकों तथा अन्य चीजों के साथ प्रदूषण नियंत्रण आवश्यकताओं के अनुपालन के निर्देश के बाद राज्य के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में दुकानें बंद कर दी थीं। प्रभावित मालिकों ने अदालत से कहा कि दुकानों को बंद करना अवैध है और यह संविधान के अनुच्छेद 19(1)(जी) के तहत उनके मुक्त व्यापार के अधिकार का उल्लंघन है।
याचिकाओं को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि जब तक मानदंडों और विनियमों का पूरी तरह से पालन नहीं किया जाता, तब तक संबंधित दुकानों और बूचड़खानों को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दी जा सकती।