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Contempt of Court: अदालत की अवमाननाः प्रो. आनंद रंगनाथन को राहत, हलफनामा दायर करने के लिए मिला 4 हफ्ते का समय

India News (इंडिया न्यूज),Contempt of Court, दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को लेखक आनंद रंगनाथन को अदालत के एक न्यायाधीश के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी पर एक आपराधिक अवमानना मामले में हलफनामा दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।

रंगनाथन, जो व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश हुए, ने कहा कि उनके भाषण फ्री स्पीच के अधिकारके साथ दिए गए थे। उन्होंने न्यायाधीश के खिलाफ कोई टिप्पणी करने से इनकार किया। उनके वकील जे. साई दीपक ने कहा कि जेएनयू के एक प्रोफेसर रंगनाथन ने केवल एक “सामान्य बयान” दिया है कि अदालत की अवमानना की अवधारणा मौजूद नहीं होनी चाहिए।

जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की पीठ ने उन्हें अपने रुख के संबंध में एक हलफनामा दायर करने की अनुमति देते हुए कहा कि अदालत फ्री स्पीच की पक्षधर है लेकिन किसी के बारे में दिया गया बयान निंदनीय नहीं होना चाहिए।

प्रो रंगनाथन ने 2018 में, न्यायमूर्ति एस मुरलीधर, (दिल्ली उच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश थे वर्तमान में उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश), के खिलाफ पूर्वाग्रह का आरोप लगाने वाले कुछ ट्वीट कुछ लोगों द्वारा पोस्ट किए गए थे। ये ट्वीट , भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में हाउस अरेस्ट से गौतम नवलखा की रिहाई का आदेश देने के बाद किए गए थे।

इसके बाद, उच्च न्यायालय द्वारा कथित अवमानना करने वाले फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री, रंगनाथन और अन्य के खिलाफ अदालती अवमानना की कार्यवाही शुरू की थी। इस साल की शुरुआत में रंगनाथन के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया था कि वह सुनवाई की अगली तारीख पर उसके समक्ष उपस्थित रहेंगे। उनके वकील ने कहा था कि रंगनाथन अवमानना कार्यवाही में भाग लेंगे।

न्यायाधीश के खिलाफ ट्वीट के लिए चेन्नई स्थित साप्ताहिक “तुगलक” के संपादक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति के खिलाफ भी अवमानना की कार्यवाही शुरू की गई थी। गुरुमूर्ति के खिलाफ कार्यवाही बाद में अक्टूबर 2019 में बंद कर दी गई थी। इस साल की शुरुआत में, अदालत ने अग्निहोत्री द्वारा मांगी गई माफी को स्वीकार कर लिया और उन्हें अवमानना की कार्रवाई से मुक्त कर दिया गया था।

अदालत ने दो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को जज के खिलाफ निंदनीय आरोप लगाने वाले आपत्तिजनक लेख के वेबलिंक्स को ब्लॉक करने का भी निर्देश दिया था। मामले की अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को होगी।

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Kanchan Rajput

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