इंडिया न्यूज, नई दिल्ली (Corona infection in World ): 2022 के अंत में चीन में एकाएक कोरोना संक्रमण के रोगियों की सख्या बढ़ने लगी। हालांकि चीन ने कोरोना के दोबारा से फैलने की बात दुनिया से छिपाकर रखने की कोशिश की लेकिन जब चीन से लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किए तो दूसरे देशों को मामले की गंभीरता का एहसास हुआ। बात हाथ से निकलती देख चीनी राष्टÑपति ने भी नववर्ष की पूर्व संध्या पर देश के नाम अपने संबोधन में इस बात को माना की चीन में कोरोना एक बार फिर से बेकाबू हो चुका है।
दूसरी तरफ विश्व की कई स्वास्थ्य एजेंसियों ने चीन पर सवाल उठाते हुए कोरोना के गलत आकड़ें देने के प्रयास को विश्व के लिए घातक बताया है। चीन के साथ-साथ विश्व के कई अन्य देशों में भी अब कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें जापान और दक्षिण कोरिया के साथ-साथ अब यूरोप के भी कई देशों में कोरोना केस काफी ज्यादा गिनती में सामने आ रहे हैं। जिससे विश्व के सामने एक नई चुनौती पैदा हो रही है। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी के मानें तो चीन में हर दिन कोरोना से 9 हजार मौतें हो रही हैं। यहां 13 जनवरी को पीक आएगा, जिसमें एक दिन में 37 लाख केसेस आएंगे। 23 जनवरी को 25 हजार मौतें होने का अनुमान लगाया गया है।
कोरोना संक्रमण की पहली लहरों की तरह इस बार भी ब्रिटेन में हालात बिगड़ने शुरू हो गए है। वहां से मिली रिपोर्टों के अनुसार वहां के ज्यादात्तर अस्पतालों में बेड फुल हैं। आॅक्सफोर्ड शहर के हालात यह हैं कि वहां एक व्यक्ति को उपचार के लिए करीब 100 घंटे तक इंतजार करना पड़ा वहीं एक अस्पताल में बेड न होने के चलते बच्ची को कुर्सी पर बिठाकर ड्रिप लगानी पड़ी। ब्रिटेन के एक सीनियर हेल्थ आॅफिसर ने बताया कि इमरजेंसी सर्विस न मिलने से हर हफ्ते 300 से 500 मौतें हो रही हैं। अस्पतालों में आॅक्सीजन सप्लाई की कमी है। दरअसल, ब्रिटेन में कोरोना के बढ़ते मामलों के साथ खतरनाक फ्लू भी फैला हुआ है।
करीब पिछले एक साल से युद्ध से जूझ रहे यूक्रेन में तेजी से कोरोना और हॉस्पिटलाइजेशन के मामले बढ़ रहे हैं।
यूक्रेन के हेल्थ एक्सपर्ट फेडिर लैपी का कहना है कि यूक्रेन में कोरोना से हर हफ्ते 50 से 70 मौतें हो रही हैं। इनमें 90% लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा है।
कोरोना के चलते स्वास्थ्य सेवाओं से जूझ रहे चीन को यूरोपीय संघ ने मुफ्त में वैक्सीन देने की पेशकश की है। यूरोपीय संघ का कहना है कि चीन में जल्द हालात सामान्य न हुए तो यह चीन के साथ-साथ पूरी दुनिया के लोगों के लिए खतरनाक साबित होगा। दूसरी तरफ कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूरोप के कई देशों सहित करीब 13 देशों ने चीनी यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं भारत सहित कई ऐसे देश हैं जहां चीन से आने वाले लोगों का एयरपोर्ट पर टेस्ट जरूरी किया गया है।
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